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Meera Ramnivas

Abstract

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Meera Ramnivas

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आज जल दिवस पर "जल ही तो है"

आज जल दिवस पर "जल ही तो है"

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भाप बन उड़ा बादल बन गया,

दूब पर बिखरा ओस बन गया।

पिघल कर बहा प्रपात बन गया, 

झर झर बहा झरना बन गया। 

जल ही तो है।।


ठिठुर गया तो बर्फ बन गया, 

ठहर गया तो तालाब बन गया।

फैल गया तो झील बन गया, 

कमल खिले तो सरोवर बन गया।

जल ही तो है।।


बिखर गया तो सागर बन गया, 

ऊंची नीची टेढ़ी मेढ़ी राह पर ,

मीलों बहा तो नदी बन गया।

आंखों से बहा तो अश्रु बन गया ,

मेहनत में बहा तो पसीना बन गया।

जल ही तो है।।


गंदा होकर बहा तो नाली बन गया ,

सीप में गिरा तो मोती बन गया।

पर्वत पर जमा तो हिम बन गया, 

बादलों में जमा तो ओले बन गया।

जल ही तो है।।


    


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