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Surendra kumar singh

Romance

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Surendra kumar singh

Romance

आज एक और दिन

आज एक और दिन

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आज एक और दिन

प्रकृति का जीवन को

एक अमूल्य उपहार

एक सिलसला

तुम्हारी याद से तुम तक

एक एहसास

हर पल तुम्हारा होने का

तुममें जीवन का

सब कुछ होने का

तुम्हारी रश्मियों से

दुनिया आलोकित हो रही है

सब कुछ दिख रहा है

अपने अपने रंग में

और हर रंग में

तुम्हारा रंग

ढेर सारे भाव

हर भाव में तुम्हारा ही भाव

झुरझुराती हुई हवा

हवा में तुम्हारी ही आवाज

इतनी सारी विबिधताओं में

एक योग तुम्हारा

इतने सारे रूपों में

एक रूप तुम्हारा

दर्शन का अबाध सिलसिला

अतीत से वर्तमान तक

और वर्तमान में

पलता हुआ भविष्य

और भविष्य में

एक उम्मीद

एक स्वीकार

एक मनुष्य

मनुष्यता से पूर्णतया संतृप्त

जैसे तुम

आज का ये दिन।


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