आज भी याद हैे
आज भी याद हैे
आज भी याद हैे
वो कागज की कश्ती
वो बचपन की मस्ती,
वो बारिश का पानी
वो नानी की कहानी,
वो पापा की डाँट
वो ठेले की चाट,
वो भाई की पिटाई
वो दीदी से लड़ाई।
आज भी याद हैे ...
वो तोतली बोली
वो आठआने की गोली,
वो गुड़िया की शादी
वो खेलने की आजादी,
वो बरतन का खेल
वो छुक-छुक करती रेल,
वो त्योहारों का इंतजार
वो घोड़े वाला राजकुमार।
आज भी याद हैे ..
वो राखी की डोरी
वो माँ की लोरी,
वो गरबे मे जोड़ी
वो चिये वो कौड़ी,
वो फुलझड़ी वो पटाखे
वो दिवाली के बतासे,
वो क्रिसमस की छुट्रटी
वो कट्रटी वो मुच्ची।
आज भी याद हैे ..
वो होली की पिचकारी
वो तितली वो क्यारी,
वो परीक्षा में नकल
वो हर बात मेें दखल,
वो रोज की शैतानियाँ
वो जिद वो नादानियाँ,
वो प्यारे से सपने
वो सपनों में अपने।
आज भी याद हैे ....।।
