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Monika Jayesh Shah

Fantasy Others

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Monika Jayesh Shah

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आईना

आईना

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आईना मेरी जिंदगी का

चेहरे की सच्चाई दिखा देता हैं!

ये आईना अपनी प्रति रूपी दिखा

अपने आप में जीना सीखा देता हैं

ख़ामोश बन खुद को निहारते हैं;

आईना अपनी ज़िंदगी बना देता हे

कभी अपनी ज़िंदगी बिगाड़ देता है!

 कभी रोते हुए चेहरे को मुस्करा देता है.

सुख दुख और गम के साथ आईना

 कांच का पत्थर लगे तो टूट जाता हैं!

 अपनो का दर्द मिल तो चेहरा मुरझा जाता हैं;

प्यार मिले तो दिल का रिश्ता सारवार हो जाता हैं!

ये आईना बड़े ही गज़ब की चीज़ हैं..

अच्छे अच्छों का चरित्र एक पल में दिखा जाता हैं!

बहुत कुछ कहना था हमें

पर एक तेरी खामोशी ने हमें

अपने आप से भी जुदा कर दिया

अफसोस ना मिल पाए हम.. एक दूसरे से

तेरी ही तन्हाई ने ये आलम जता कर.. अपनी 

सच्ची मोहब्बत को नापाक इरादों से बचा लिया!

आज भी करते है.. तुझसे हम इतना प्यार..

के हमारी वफादारी ने हमें दिया इनाम!

 हर कविता को.. हमारा दिल से प्रणाम..

हर बार उसमें तुझे सिर्फ तेरा ही जिक्र किया हैं!


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