आई होली
आई होली
उड़े गुलाल चारों ओर खुशियों की सौगात लेकर आई होली,
भुलाकर पुराने गिले-शिकवे बिछड़ों को मिलाने आई होली,
खुशी और प्यार के रंग में रंगकर देखो हर्षित हो रहा संसार,
रंग रंगीला रंग लेकर एक दूसरे में खुशियां बांटने आई होली,
ना जाति ना धर्म ना बैर ना कोई मलाल लगाकर गालों पर गुलाल,
एक दूजे के रंग में रंगकर मन से भेदभाव मिटाने आई होली,
बजाते कहीं ढोल नगाड़े टोलियां, कहीं गाते हैं गीत मल्हार,
मस्त मगन होकर नाचे गाए मन रंगों की मतवाली आई होली,
शोर से सराबोर गली मोहल्ला कहीं चले पिचकारी उड़े गुलाल,
इंद्रधनुषी रंगों को साथ लेकर अठखेलियां करती आई होली,
कैसा अनोखा दृश्य ये एक रंग में रंग गए सब भेद रहा ना कोई,
दुश्मन भी लग जाते एक दूजे के गले ऐसा जादू लेकर आई होली,
रंगभेद मिटा है आज सबके चेहरों पर है एक ही स्नेह भाव का रंग,
जीवन के उपवन में द्वेष मिटाकर प्रेम पुष्प खिलाने आई होली,
सुख, समृद्धि और खुशियों के साथ रिश्तों में घोलने मिठास,
उल्लास उमंगों की शहनाई लेकर मंगल गान करती आई होली।