आधुनिक नारी
आधुनिक नारी
आधुनिक हूँ, लेकिन संस्कारों को सजोना जानती हूँ
नारी हूँ, हर युग में वक्त के साथ चलना जानती हूँ ।
सीता, अहिल्या, गार्गी, द्रौपदी सदृश इतिहास को संजोना जानती हूँ।
अपने स्वाभिमान के परचम को, त्याग के धागे में पिरोना जानती हूँ।
चुनौतियों के अथाह सागर में, जीवन नैया की खिवैया हूँ,
सृजन के लिये जो मृत्यु को हरा दे, उस भगवान का करिश्मा हूँ।
प्रभुत्व का साम्राज्य मेरा, आज हर पर्याय में ज्यादा है।
एक आधुनिक नारी बनकर, मैंने अपने अस्तित्व को गढ़ा है
