23-07-2015 Hindi
23-07-2015 Hindi
किससे जुड़ें
आप सा आज मिला
चेहरा खूबसूरत खिला
चाहत बढ़ गयी
एक पल आनखाँ भीग सी गयी
शायद मेरा अकेलापन
तड़प्ता शायद मेरा म्न
आपसे मिलने की
हुई ख्वाहिश बड़ी -
बात करने की
पर दर गया
शांत हो गया
जैसा जिया आज तक
याद आ गया
पहुँच ना पाया तुम तक
कल भी सामने रहोगी
परसो भी कुछ ना कहोगी
पर मैं खुश हूँ
जो छूटी सी बात हुई
मुलाकात हुई
बस दिल मे संजोए
हूँ शांत, आँख भिगोएे
आज अजीब दर सा था
शायद खो दूँगा सोच रहा था
पर
मेरी जिंदगी तुम नही
मेरा मुकाम तुम नही
दर्र है प्यार से
शादी से
याद ज़ररूर आएगे
दूख की तस्वीर छफ जायगे
पर तुम खुश रहोगी
जिसके साथ भी रहोगी
दुआ यही है
आरज़ू तमन्ना यही है
कल शायद कुछ और सोचूँगा
तो लिखूंगा
जान मेरी धड़कन बन जा
ऐसा ना कहूँगा।

