2 साल बेमिसाल !
2 साल बेमिसाल !
13 और 19 का भी
क्या संयोग था।
तिथि, तारीख़ और दिन का भी
सही योग था।
ग़मों और दुखों में
एक सा हिसाब था।
साल मेरे लिए
बहुत ख़राब था
कुछ पाया बहुत खोया।
ख़ुद के साथ-साथ,
अपनों को रुलाया।
प्यार दबाया गया,
प्यार कुचला गया,
प्यार को न समझा गया,
प्यार,प्यार से ही परे हो गया।
प्यार में प्यार न देख,
पैसों से उसे तोला गया।
इन पैसों से, प्यार से,
प्यार को ही ख़रीदा गया।
प्यार में प्यार ही तड़पता रह गया।
प्यार ने भी प्यार को,
इसका एहसास न होने दिया।