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ravindra kumar

Abstract Children

5.0  

ravindra kumar

Abstract Children

प्रवी

प्रवी

3 mins
508


प्रवी रोज की तरह आज स्कूल से 1:00 बजे घर पहुँची।स्कूल का बैग उतारकर बगल में रख दिया और मेरे पास खड़ी हो गई।

मैंने देखा उसका चेहरा उतरा हुआ था।

वो भी अपने माँ पर ही गयी हैं।दिल के अंदर की बात चेहरे पर भी साफ साफ दिखती है।मैं समझ चुका था कि आज गुड़िया रानी दुखी हैं।मैंने उससे पूछा "क्या हुआ बिट्टी"।प्यार से उसे मैं बिट्टी ही बुलाता हुँ।जब वो छोटी थी बोलना भर सीखा था अपने को बिददी बोला करती थीं।

मेरे पूछने के साथ ही उसने बिना कुछ बताए रोना शूरु कर दिया।हम पति और पत्नी आश्चर्य चकित हो गए।समझ मे बिल्कुल भी नहीं आ रहा था क्या हो गया।

हमने उसे प्यार से पूछा तो काफी देर के बाद उसने बताया कि स्कूल में इंग्लिश का टेस्ट हुआ था और मुझे 7 आउट ऑफ 20 मिला।हम हँस पड़े तो वो और जोर जोर से रोने लगी।वो काफी डरी सहमी सी लग रही थी।

थोड़ा और पूछने पर उसने बताया "मैम कह रहीं थीं ये कम मार्क्स होता है।ज़्यादा अच्छे से पढ़ाई करनी होगी नहीं तो बहुत पीछे हो जाओगे और मम्मी पापा भी डांटेंगे।और वो मुझे डांट भी रहीं थीं।"

हमे इतने छोटे बच्चे के ऊपर पढ़ाई का इतना प्रेसर देख बहुत आश्चर्य हुआ।यहाँ तक कि क्लास टीचर का बच्चों पर इस तरह से प्रेसर बनाना बिल्कुल भी उचित नहीं लगा।

मैंने प्रवी को समझाया कोई बात नहीं बेटा 7 नम्बर भी बहुत होते है।जीरो नंबर आता तो भी वो लड्डू गोपाल होता है।कभी निराश मत होना।हमें कोई फर्क नहीं पड़ता तुम्हारे नंबर क्या आते है।हमें तुम्हारे दुःखी होने से फर्क पड़ता है।जब भी तुम्हे कोई कम नंबर या किसी कमी के बारे में नीचा दिखाने की कोशिस करे हमेशा याद रखना किसी दूसरे के बातो को दिलपर बिल्कुल न लेना।हम बतायेंगे तुम्हे क्या गलत है।क्या सही।

ये सुनकर उसका रोना बन्द हो गया और उसकी मुस्कान वापस लौट आयी।अगले दिन हम स्कूल गए और उन्हें स्ट्रिक्टली मना किया कि बच्चों पर इस तरह के मानसिक दबाव न बनाये।

खैर ऊपर वाले कि दुवा से मानसिक रूप से प्रवी बहुत तेज़ थी।एक बार कोई पाठ उसे पढ़ा देने पर दुबारा कभी उसे पढ़ाने की जरूरत नहीं पड़ती थी।हमने उसकी पढ़ाई के लिए एक अच्छे से टीचर लगवा दिये।

जब फाइनल एग्जाम हुआ तो उसकी क्लास टीचर ने हमे रिजल्ट के लिए बुलाया।हमे उसके रिजल्ट की कोई खास चिंता नहीं थी क्योंकि उसके कुछ पेपर न्यूमोनिया होने के वजह से छूट गए थे।हमें पूरी उम्मीद थी कि औसत रिजल्ट आया होगा।

जब हम स्कूल पहुँचे तो क्लास टीचर ने हमें उसका रिजल्ट दिया ।रिजल्ट देखकर हमारे आंखों में आंसू आ गए A plus ग्रेड आये थे।प्रवी हमारे पास खड़ी थी और क्लास टीचर उसकी तारीफ करते नहीं थक रहीं थी।उन्हें यक़ीन ही नहीं हो रहा था ये वही प्रवी है जो कभी 7 तो कभी 0 लाती थी।

हमने कभी भी प्रवी को दबाव नहीं डाला।उसको डांस का शौक था हमने उसके टीचर का भी इंतजाम कर दिया।समय पंख लगाकर उड़ता गया।और हमारी भोली बिट्टी सयानी हो गयी।अब वो यूनाइटेड स्टेट में एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में मैनेजर है।साथ ही साथ डांस में भी उसने नेशनल लेवल परफॉर्मेंस दिया और कई इनाम जीते है।

आज इस तसवीर को देख अनयास ही उसकी यह घटना याद आ गयी।


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