माँ कभी नहीं थकती
माँ कभी नहीं थकती
" हे भगवान राहुल, तुम्हारी माँ के साथ काम करना कितना मुश्किल है यार... नॉन स्टॉप काम करतीं हैं, मैं थक गयी लेकिन वो अभी भी चालू हैं। मेरी हालत देख उन्होंने मुझे आराम करने के लिए भेज दिया। "
विदेश से राहुल और सुकन्या शादी के बाद पहली बार घर आये हैं। यूँ तो सुकन्या भारतीय है, लेकिन भारत पहली बार आई है। राहुल की नौकरी लगी, तभी तनुजा जी घर में एकदम अकेली रह गयीं। विदेश जाने का मन नहीं था तो राहुल ने भी ज़िद नहीं करी, बस अपनी मौसी को माँ के पास रहने को बोल दिया जिससे उन्हें अकेलापन ना लगे।
सुकन्या और राहुल की शादी के बाद भी तनुजा जी विदेश नहीं गयीं।
अब इतने सालों बाद राहुल आया तो खुद को उसके पसन्दीदा मोतीचूर के लड्डू बनाने से रोक नहीं पाईं। हालांकि मौसी पूरी मदद करतीं पर तनुजा जी को अपने बेटे के लिए काम करने में किसी की मदद की कभी कोई दरकार थी ही नहीं।
सुकन्या को लड्डू बनाना बड़ा अलग और दिलचस्प काम लगा सो बैठ गई तनुजा जी के पास, उन्होंने भी सोचा सीख लेगी तो उनके बाद राहुल को बना कर खिला देगी। लेकिन कुछ ज्यादा ही सोच लिया तनुजा जी ने। सुकन्या तो, 5 या 6 लड्डू बना कर ही थक गई, उसकी हालत देख तनुजा जी ने उसे आराम करने भेज दिया।
राहुल उसकी हालत पर खूब हंसा और बोला।
" जब तुमसे काम नहीं होता तो क्या ज़रूरत थी काम करने की? ओह समझा, तुम माँ को इंप्रेस करना चाहती हो... हैना?? "
" ऐसा कुछ नहीं है, मैंने सोचा नया काम है ट्राई करती हूँ और मॉम की हेल्प भी हो जायेगी, पर वो तो बिना रेस्ट किये कितना काम करती हैं यार। सुबह से ब्रेकफास्ट, लंच और अब ये... ओह गॉड ", सुकन्या ने गहरी सांस लेते हुए कहा।
" सुकन्या, वो माँ है, मैंने उन्हें बचपन से यूँ ही काम करते देखा है। वो सारा काम चुटकियों में निपटा लेती हैं, लेकिन शायद माँ कभी थकती नहीं... कभी नहीं "।