तेरे जैसा यार कहाँ
तेरे जैसा यार कहाँ
जब हमारी सगाई हुई थी तब हम अनजान थे एक दूसरे से। फिर हमारी बातचीत शुरू हुई।ना जाने कब हम एक दूसरे के अच्छे दोस्त बन गये। जो बिना बताये मेरे दुख को पहचान लेते। मेरे दिल की बात बिना कहे समझ जाते। जो ता उम्र दोस्ती निभा रहे है।
मेरे सुख दुःख के सच्चे जीवन साथी के रूप में।
उनके लिए बस यही गाना याद आता है।
तेरे जैसा यार कहाँ.... हमारी दोस्ती भरा प्यार सात जन्मों तक ऐसी ही बनी रहे।