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Vimla Jain

Action Classics Others

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मनोरम पर्वतीय स्थल टॉडगढ़

मनोरम पर्वतीय स्थल टॉडगढ़

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टॉडगढ़ ऐसा मनोरम स्थल है ।

जिसको देख करके मन खुश हो जाता है।

हमने अपनी जिंदगी के नौकरी की शुरुआत की 2 साल टाढगढ में गुजारे। क्या मस्त वहां एक पहाड़ी पर मकान उसके ऊपर की

एक पहाड़ी पर हॉस्पिटल, एक पहाड़ी पर थोड़ा नीचे उतरो तो क्वार्टर्स स्टाफ,

के ब्रिटिश जमाने का बना हुआ बहुत खूबसूरत हॉस्पिटल था ।

वहां की सर्पाकार सड़कें वहां के लोग दिवाली के दिन उन लोगों का जो

जिंदा दिली से खुश कर देने वाला त्योहार मनाने का जज्बा सबका मिलकर के शुभेच्छा देने दिवाली मिलन के लिए आना।

मैं आज तक भूल नहीं पाई मेरा सबको जलेबी बना कर खिलाना आज तक भूल नहीं पाई।

क्या मनोरम दृश्य होता था। मकान एक पहाड़ी पर वहां से चारों तरफ की पहाड़ियां दिखती थी और जब रोड पर जाते थे ऐसा लगता था हम पहाड़ पर चल रहे हैं।

वहां का जैन समाज दूसरे समाज के लोग सभी लोग बहुत ही अच्छे और बहुत ही सहकार देने वाले।

कुल मिलाकर पर्यटन के लिए भी बहुत सुंदर जगह है और पहाड़ी पर रहने का एक अलग ही अनुभव हमको मिला। मंदिर, चर्च शिवजी के मंदिर भी थे।

मेरे बेडरूम की खिड़की के पीछे भी एक मंदिर छोटा सा बना हुआ था जो खिड़की में से दिखता था वह दूसरी पहाड़ी थी।

मेरे को लगा कि पर्वतीय यात्रा की जगह पर्वत पर रहना कैसा होता है वह आपके साथ में शेयर करा जाए और साथ में टॉडगढ़ की कुछ विशेषताएं भी बताई जाए।

अजमेर जि‍ले के अंन्‍ति‍म छोर में अरावली पर्वत श्रृंखला में मन मोहक दर्शनीय पर्यटक स्‍थल टॉडगढ़ बसा हुआ है जि‍सके चारो और एवं आस पास सुगंन्‍धि‍त मनोहारी हरि‍याली समेटे हुए पहाडि‍या एवं वन अभ्‍यारण्य है। क्षेत्र का क्षेत्रफल 7902 हैक्‍टेयर है जि‍नमें वन क्षेत्र 3534 हैक्‍टेयर, पहाडि‍या 2153 हैक्‍टेयर, काश्‍त योग्‍य 640 हैक्‍टेयर है। टॉडगढ़ को राजस्‍थान का मि‍नी माउण्‍ट आबू भी कहते हैं, क्‍यों कि‍ यहां की जलवायु माउण्‍ट आबू से काफी मि‍लती है व माउण्‍ट आबू से मात्र 5 मीटर समुद्र तल से नीचा हैं। टॉडगढ़ का पुराना नाम '''बरसा वाडा''' था। जि‍से बरसा नाम के गुर्जर|गुर्जर जाति‍ के व्‍यक्‍ति‍ ने बसाया था। बरसा गुर्जर ने तहसील भवन के पीछे देव नारायण मंदि‍र की स्‍थापना की जो आज भी स्‍थि‍त है।

यहां आस पास के लोग बहादुर थें एवं अंग्रेजी शासन काल में कि‍सी के वश में नही आ रहे थे, तब ई.स. 1821 में नसीराबाद छावनी से कर्नल जेम्‍स टॉड पोलि‍टि‍कल ऐजेन्‍ट ( अंग्रेज सरकार ) हाथि‍यो पर तोपे लाद कर इन लोगो को नि‍यंत्रण करने हेतु आये। यह कि‍सी भी राजा या राणा के अधीन नही रहा कि‍न्‍तु मेवाड़ के महाराणा भीम सि‍ह ने इसका नाम कर्नल टॉड के नाम पर टॉडगढ़ रख दि‍या तथा भीम जो वर्तमान में राजसमंद जि‍ले में हैं टॉडगढ़ से 14कि‍मी दूर उत्‍तर पूर्व में स्‍थि‍त है, का पुराना नाम मडला था जि‍सका नाम भीम रख दि‍या। 1857 ई.स. में भारत की आजादी के लि‍ये हुए आंदोलन के दौरान ईग्‍लेण्‍ड स्‍थि‍त ब्रि‍टिश सरकार ने भारतीय सेना में कार्यरत सैनि‍को को धर्म परि‍वर्तित करने एवं ईसाई बनाने हेतु इग्‍लेण्‍ड से ईसाई पादरि‍यो का एक दल जि‍समें डॉक्‍टर, नर्स, आदि‍ थें ये दल जल मार्ग से बम्‍बई उतरकर माउण्‍ट आबू होता हुआ ब्‍यावर तथा टॉडगढ़ आया। धर्म परि‍वर्तन के वि‍रोध में टॉडगढ़ तथा ब्‍यावर में भारी वि‍रोध हुआ जि‍ससे दल वि‍भाजि‍त होकर ब्‍यावर नसीराबाद, तथा टॉडगढ़ में अलग अलग वि‍भक्‍त हो गया।

टॉडगढ़ में इस दल ने वि‍लि‍यम रॉब नाम ईसाई पादरी के नेतृत्‍व में ईसाई धर्म प्रचार करना प्रारम्‍भ कि‍या। शाम सुबह नजदीक की बस्‍ति‍यो में धर्म परि‍वर्तन के लि‍ये जाते तथा दि‍न को चर्च एवं पादरी हाउस/टॉड बंगला ( प्रज्ञा शि‍खर ) का निर्माण कार्य करवाया। सन् 1863 में राजस्‍थान का दूसरा चर्च ग्राम टॉडगढ़ की पहाडी पर गि‍रजा घर बनाया और दक्षि‍ण की और स्‍थि‍त दूसरी पहाडी पर अपने रहने के लि‍ये बंगला बनाया जि‍समें गि‍रजा घर के लि‍ये राज्‍य सरकार द्वारा राशि‍ स्‍वीकृत की है। पश्‍चि‍म में पाली जि‍ला की सीमा प्रारम्‍भ, समाप्‍त पूर्व उत्‍तर व दक्षि‍ण में राजसमंद जि‍ला समाप्‍ति‍ के छोर से आच्‍छादि‍त पहाडि‍या प्राकृति‍क दृश्‍य सब सुन्‍दरता अपने आप में समेटे हुए है।

प्रथम वि‍श्‍वयुद्ध के दौरान टॉडगढ़ क्षेत्र से 2600 लोग (सैनि‍क) लडने के लि‍ये गये उनमें से 124 लागे (सैनि‍क) शहीद हो गये जि‍नकी याद में ब्रि‍टि‍श शासन द्वारा पेंशनर की पेंशन के सहयोग से एक ईमारत बनवाई “फतेह जंग अजीम” जि‍से वि‍क्‍ट्री मेमोरि‍यल धर्मशाला कहा जाता है। (जि‍समें लगे शि‍लालेख में इसका हवाला है।) बहुत ही जोरदार है

प्राचीन स्‍थि‍ति‍ में कुम्‍भा की कला व मीरा की भक्‍ति‍ का केन्‍द्र मेवाड रण बांकुरे राठौडो का मरूस्‍थलीय मारवाड। मेवाड और मारवाड के मध्‍य अरावली की दुर्गम उपत्‍यकाओं में हरीति‍मायुक्‍त अजमेर- मेरवाडा के संबोधन से प्रख्‍यात नवसर से दि‍वेर के बीच अजमेर जि‍ले का शि‍रोमणी कस्‍बा हैं।


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