पर्वत के साथ बीते सुंदर क्षणों को अपने अंदर समेटे हुए वफ़ाई यात्रा पर निकल पड़ी। पर्वत के साथ बीते सुंदर क्षणों को अपने अंदर समेटे हुए वफ़ाई यात्रा पर निकल पड़ी।
मगर हमज़ुबां नहीं होता। अब साँसें बहुत बाकी हैं, मगर गाने का मन नहीं होता। मगर हमज़ुबां नहीं होता। अब साँसें बहुत बाकी हैं, मगर गाने का मन नहीं होता।
“भोजन के पश्चात इस मरुभूमि में यात्रा की योजना बनाई है मैंने। इस मरुभूमि में एक पर्वत है। पर्वत है छ... “भोजन के पश्चात इस मरुभूमि में यात्रा की योजना बनाई है मैंने। इस मरुभूमि में एक ...
“सूरज बिलकुल भयभीत नहीं है, अत: मोहक लग रहा है। गगन भी रंग बदल रहा है। श्वेत से पीला, पीले से नारंगी... “सूरज बिलकुल भयभीत नहीं है, अत: मोहक लग रहा है। गगन भी रंग बदल रहा है। श्वेत से ...
पहाड़ उठाने का तात्पर्य है, प्रभु द्वारा ब्रजवासियों की संपूर्ण जिम्मेदारी लेना है। पहाड़ उठाने का तात्पर्य है, प्रभु द्वारा ब्रजवासियों की संपूर्ण जिम्मेदारी लेना ह...
यह एहसास करते हुए कि अगर सीता महाकाली शांत नहीं हुईं तो पृथ्वी नष्ट हो सकती है, देवता उन्हें प्रसन्न... यह एहसास करते हुए कि अगर सीता महाकाली शांत नहीं हुईं तो पृथ्वी नष्ट हो सकती है, ...