फकीरा
फकीरा
जमना चाची के पति की मौत हो गई! उन्हे तीन बेटे थे और 4 बेटियाँ भी थी! बेटियों की शादी हो चुकी थी! नदी के किनारे गांव में रहते थे, खेती के लिए ज़मीन थी उसमे बारिश न होने के कारण फसल नहीं होती थी!, एक साल बाद उनकी ज़मीन पर खेल का मैदान बन गया, यहाँ क्रिकेट खेला जाता था! उन्हे सरकार की ओर से बहुत कम मुआवजा मिला था, जो कुछ मिला था उससे कर्ज चुकाया गया और बाकी पैसे मकान बनाने मे खर्च हो गए!
उनके तीन लड़के थे मगर कुछ कमा कर नहीं देते थे! बड़ा लड़का अचानक बीमार हो गया, उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया! परिवार दुखी हो गया, दवाई के लिए कर्ज लेना पड़ा! बिपिन ने तीन दिन से खाना छोड़ दिया था और ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगा था! वो बोलता था कि मैं लसूडा हूँ ! छोटा भाई अरविंद और शराबी गौरव एक भुआ जी को ले आए! भुआ जी ने डोरा धागा बांध दिया और कहा कि अब बिपिन ठीक हो जाएगा, लेकिन बिपिन के ठीक न होने से सभी चिंता करने लगे कि अब क्या होगा?
अब अरविंद और उसके जीजाजी एक और भुआजी जी को ले आए, माताजी की पूजा करके भुआ जी ने कुछ विधि की और धागा बिपिन के हाथ में बांधा! दो दिन बाद बिपिन की सेहत मे सुधार आया! भुआजी ने विधि के अनुसार गौरव को संकल्प लेने के लिए कहा कि आज से शराब नहीं पीयेगा! गौरव ने अपने भाई की खुशी के लिए संकल्प लिया कि मैं आज से शराब नहीं पीऊँगा!
थोड़े ही दिनों बाद गौरव ने शराब पीना शुरू कर दिया! अब बिपिन की तबियत खराब होने लगी! भुआजी थोड़े दिनों बाद बिपिन को देखने के लिए आई तो बिपिन की तबियत खराब हो गई थी! गौरव ने बताया कि मेरे भाई की तबियत खराब हो गई है आप उसे ठीक कर दो! माताजी के पुजारी भुआजी से सभी लोगों ने विनती की, कि बिपिन के लिए कुछ करे और वो ठीक हो जाए ऐसा कोई उपाय करे! भुआजी को दया आई उसने माताजी की अराधना की और फिर से धागा बिपिन के हाथ में बांधा! गौरव ने बहुत शराब पी रखी थी, गौरव ने भुआजी को एक थप्पड़ मार दिया! पुजारी भुआ जी को भी गुस्सा आया और उसने गौरव को दो थप्पड़ मार दिया! अब गौरव ने पुजारी के पैर पकड़कर माफ़ी मांगी! अपनी ग़लती महसूस किया! सभी लोगों ने पुजारी से विनती की, कि बिपिन के हाथ में बांधा गया धागा वापस न ले!
पुजारी को दिल में दया आई, उसने गौरव की बात भी मान ली, और उसे माफ़ कर दिया!
लेकिन गौरव की पत्नी आगे आई और पुजारी से कहा कि, गौरव को कोई देव शरीर में प्रवेश करता है और उसे शराब पीने के लिए ले जाता है! पुजारी ने अपनी माला हाथ में ली और बताया कि अगर कोई ऐसी बात है तो इस माला में ढाई का वचन होना चाहिए! ढाई का वचन मतलब दो मोती दो बार और एक मोती अगर इस माला में देखने को मिले तो यह बात सच है कि गौरव को कोई तकलीफ़ है ! अब हुआ भी ऐसा कि माला में ढाई का वचन आया! अचानक ही गौरव चिल्लाने लगा और बताने लगा कि, मैं फकीरा हूँ , मैं ही गौरव को शराब पीने के लिए खींचकर ले जाता हूँ! पुजारी ने फकीरा से पूछा कि तुम क्यों गौरव को शराब पीने के लिए ले जाता है? तब फकीरा ने बताया कि उसने मेरी दरगाह पर अपनी पेशाब डाली थी! उसने ग़लती की थी फिर भी मेरी दरगाह पर चद्दर और फूल नहीं रखा है! इस लिए मैने उसे शराबी बना दिया है! उसे मैं छोड़ूंगा नहीं! पुजारी ने अपनी पूजा विधि से फकीरा को वश में किया! फकीरा जाने के लिए राज़ी हो गया! उसने कहा कि मुझे एक गुलाब का फूल, चद्दर और अगरबत्ती चाहिए! मेरी दरगाह पर रख देना गौरव को ठीक हो जाएगा और उसे शराब पीने का मन भी नहीं होगा! गुरुवार को गौरव और उसकी पत्नी ये सभी चीज के साथ दरगाह पर गए और फूल चद्दर दरगाह पर रखे! तब से गौरव को शराब पीने से छुटकारा मिल गया! परिवार में ख़ुशियाँ लौट आई! पुजारी को बड़े आदर के साथ सम्मान कर के भेट भी दी! अब सब सुख चैन से रहने लगे!