जिंदगी कोई खेल नही है
जिंदगी कोई खेल नही है
"
ये आजकल की पीढ़ी भी ना किसी चीज को समझती ही नही । हर बात को मजाक समझ रखा है । डॉ आशा बड़बड़ा रही थी "।
"क्यों क्या हो गया "उनके पति डॉ राम ने पूछा ।
"अरे क्लीनिक में एक लड़का लड़की आये थे । दोनो की उम्र महज बीस वर्ष की होगी । खुद को पति पत्नी बता रहे थे । लड़की चार महीने के गर्भ से थी । और अबार्शन करवाना चाहती थी । उसके चेहरे पर डर का नामोनिशान नही था। इतने कॉंफिडेंट से सब सवालों का जवाब दे रही मानो कितनी बार यह सब करवा चुकी हो । वही वह लड़का भी बेपरवाह । बस मोबाइल में लगा था ' ।
"तो तुमने क्या किया फिर " डॉ राम ने कहा ।
मैंने टेस्ट करवाये , कुछ कॉमप्लीकेशन की वजह से लड़की को खतरा हो सकता है । यह बात जब मैंने उन्हें बतायी तो उनका जवाब था ।
"मैडम आप ज्यादा पैसे ले लीजिये पर बेबी को अबो्र्ट कर दे "।
मैंने कहा तुम अपने पेरेंट्स को ले आओ , मैं उनसे बात कर लुंगी । और अब चार महीने तो हो ही गये है , बेबी ही प्लान कर लो।
तो वे एक दूसरे का चेहरा देखने लगे ।
फिर मुझसे कहने लगे "मैडम वो तो गाँव मे रहते है "।
तो मैंने कहा "उनसे मेरी फोन पर ही बात करवा दो" ।
तो लड़की तुनक कर बोली "आपको हमारे पेरेंट्स से क्या लेना देना । अबार्शन हमको करवाना है । आप कर दीजिये , अगर आप नही कर सकती तो बहुत से और डॉक्टर है जो कर देंगे "
और दोनों चले गये ।