Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

पिता मेरे

पिता मेरे

1 min
28K


आज ठंडी हवा चली है

याद आते घर गली है।

घटा फिर जाने लगी है

यादें घुमड़ आने लगी है।


पिता मेरे है पहाड़

शेर सी उनकी दहाड़,

करते है वो काम सारा

उनको ना आराम प्यारा,

चट्टान से मजबूत है वो

सादगी के दूत है वो,

श्रम में ही जीवन जिया

आराम बोलो कब किया,

बेटे उनके खूब पढ़ते

नित नए परवान चढ़ते,

जब भी नई खबर जाती

दूनी होती उनकी छाती,

पिता मेरे सादे सरल है

कठोर है, अंदर तरल है।


आज ठंडी हवा चली है

उनको हमारी कमी खली है,

मेघ उनके चरण छूना

हौंसला कर देना दूना,

तू बरस पर वे न बरसे

अपने बेटों को न तरसे,

कह न देना बात सच्ची

नींद उनकी होगी कच्ची,

कह न देना दौड़ते है

हरदम पसीना जोड़ते है,

तप रहे है उनके बेटे

कितना खाते कितना लेटे,

बात सच्ची मत बताना

हाल सच्चा मत सुनाना।


ऐ मेरे मनमीत बादल

इन होंठों के गीत बादल,

तू बरस पर वे न बरसे

अपने बेटों को न तरसे।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama