ज़िन्दगी मुस्कुराने दे
ज़िन्दगी मुस्कुराने दे
ज़िन्दगी आज मुस्कुराने दे
जो हमारा नही भुलाने दे
भूख से है तड़प रहा बच्चा
मौत थोड़ा मुझे कमाने दे
वो नही साथ तो बुरा क्या है
छोड़ता है तो छोड़ जाने दे
हाथ क्यों रोकता है साक़ी का
वो पिलाये तो फिर पिलाने दे
वक़्त उसको सबक सिखा देगा
आज मुझको मगर रुलाने दे
देख कितने अज़ाब हैं दिल पर
वक़्त है आज तो गिनाने दे...!