लड़की बस लड़की है
लड़की बस लड़की है
उपले बनाने वाली लड़की
कविता कर सकती है,
सांवली सूरत से भी
किसी को प्रेम हो सकता है,
उर्वशी, अपाला बन सकती है,
अमृत देह को अक्षय बना सकता है..
अगर नहीं बोल दिया तो बहुत सम्भव है
कि असम्भव कुछ भी नहीं की गरिमा पर
एक प्यारा सा दिखने वाला प्रश्नचिन्ह लग जाए
क्योंकि चिन्हों में ये प्रश्नचिन्ह
जाने क्यों बहुत भारी हुआ जाता है,
कभी-कभी इसे देखकर लगता है जैसे
ब्रह्मांड का ब्लैक होल हो ये,
कुछ भी करने के लिए
लोगों की स्वीकृति इतनी आवश्यक होती है
जैसे दिन को अंगड़ाई लेने के पहले
गोधुली बेला का होना
लड़की होने का अभिप्राय यह तो नहीं!