मरहम
मरहम
जख्म गहरा हो या छोटा
मरहम समय पर लगाना चाहिए।
घर, खेत, बाग या बगीचों का
हप्ते में एक दो बा मोआना चाहिए।
पता नहीं वक्त कब बदल जाए, इसलिए हर हाल मे
मुल्कराना चाहिए।
धन, माता पिता का भी हो
जाया करने से पहले कमाना
आना चाहिए।
मतलब के समय सब अपने लगते हैं
इसलिए दिल सोच
समज कर लगाना चाहिए।
आये हो इन्सान की योनी में अगर,
हैबानियत को छोड़कर इन्सानियत को निभाना
आना चाहिए।
गीत हो या गजल हमेशा
महफिल में सजाना आना
चाहिए।
इन्सान छोटा हो या बड़ा
आदर भाव से भुलाना चाहिए।
असहाय अपना हो या पराया
सुदर्शन, हमेशा सहायक बन कर दिखाना चाहिए।
काम छोटा हो या बड़ा
सही समय पर निपटाना
चाहिए
मन्दिर, मस्जिद, गुरूद्बवारा
पास हो या ना हो, गुनगाण
प्रभु का रोज गाना चाहिए।
