हार में निराश न हो
हार में निराश न हो
हार में निराश न हो
जीत में उल्लास न हो
छाता वही है नभमंडल में
जिसके हताशा पास न हो।
तू कर यकीं और सीखता चल
चाहे कोई साथ न हो
हार जाते वो जगत में
ख़ुद में जब विश्वास न हो।
धैर्य ना खो, आस रख तू
ख़ुद में ही विश्वास रख तू
संघर्ष पथ में साथ जो दे
बस उन्हीं को पास रख तू।
वो जवानी क्या जवानी
गर खून में उबाल न हो
कौन डरेगा उस सागर से
गर गर्भ में भूचाल न हो।
पर्वतों को चीर के तू
रास्ता आर पार कर दे
मनु की संतान है तू
तैर समुद्र पार कर दे।
नाकामी से ना घबरा
संघर्ष कर तू सर उठा
तुझ में वो ताकत है जो
पत्थर को करतार कर दे।