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Arunima Bahadur

Inspirational

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Arunima Bahadur

Inspirational

नवसृजन

नवसृजन

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चलो आज एक घर बनाते है,

हम सब मिल उसे सजाते है।

हर मजहब के गीत आज गाते हैं,

अजान,संध्या,अरदास से इसे सजाते है।

प्रेम,सौहार्द,सदभाव के बंधनवार लगाते है,

दिलो की दूरियां आज मिटाते हैं।

हर मजहब के मिलन के पुष्प सजाते है,

सर्वधर्म समभाव का पाठ पढ़ाते है।

गीता,कुरान,बाइबिल की गहनता में जाते है,

सब शिक्षाएं अब जीवन मे लाते हैं।

वसुधैव कुटुम्ब का इसे नाम देते हैं,

दिलो में प्रेम अब उपजा देते हैं।

चलो आज कुछ ऐसा सृजन करते हैं,

नए कदम से नया इतिहास रचते है।।

         


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