हत्या करें हत्यारे
हत्या करें हत्यारे
ईश्वर की बनाई कृति को
क्यों नष्ट किया जाता है,
मानव होकर मानवता को
शर्मसार किया जाता है,
पशुओं की निर्मम हत्या
करते जो हत्यारे हैं,
प्रकृति को नष्ट करते
स्वार्थ में डूबा जन सारा है,
पेड़ काटे दोहन करे
मूढ़ सा रचते माया हैं,
हत्या करें, मन से ,तन से
अवगुणों को समेटे जाता है।