प्रेमवाणी
प्रेमवाणी
जुदा होके हमसे क्या जी लोगे तुम
पल पल तुम्हे याद सतायेगी।
हकीक़त से तुम कहाँ भागे जाते हो
तन्हाई तुम्हे जीने न देगी।
झुठा सही प्यार तुमने भी किया था
वो दिल्लगी तुम्हे सोने न देगी।
तुम्हें क्या पता कैसे तड़पते रहे हम
हमारी प्रेमवाणी तुम्हें रुलायेगी।
कभी किसीका दिल यु तोडा नहीं करते
टूटे दिल की धड़क़न तुम्हारे कानों में गुंजेगी।
कभी न कभी पछतावोगी तुम
लौटने का तुम्हारी ये आँखें इंतजार करेगी।