एक बात बता दूँ
एक बात बता दूँ
बात निकली तुम्हारी तो एक बात बता दूँ,
तेरे जैसा नहीं कोई, ये राज़ बता दूँ।
सागर से किनारा कभी छुटता नहीं कभी,
तेरेसंग जीवन बिताने की मैं आस बता दूँ।
बारीश इस साल भी आई है मेरे आँगन में,
मगर तू नहीं है संग, ये खता आज बता दूँ।
शाम की चाय हो या सुबह कि सैर संग,
दूँरीयाँ बढ़ी जरुर पर याद हरपल बता दूँ।
मेरा रहा है वादा ना बदलूंगा जीवन में,
आज भी है तेरी जरुरत ये आस बता दूँ।
लिखना चाहूँ तो अल्फाज़ कमही होंगे,
भावनाओं बहना वाकिफ़ मैं साफ बता दूँ।