हिन्दी हैं हम
हिन्दी हैं हम
है हमारी
मातृभाषा हिन्दी,
इसमे छिपा
संस्कार सारा,
हिन्दी हैं हम
हिन्दोस्तां हमारा,
अ से ज्ञ तक का
सफ़र है प्यारा,
अपनी मातृभाषा
बोलने से,
हम
झिझकते हैं,
कितनी शर्म की
बात है!
आखिर कब
हम समझेंगे,
सभी देश
अपनी मातृभाषा
का प्रयोग
शान से करते हैं,
एक हम ही हैं,
जो अपनी
ही मातृभाषा
बोलने के
लिए, शर्म
करते है!
आखिर कब
हम समझेंगे!