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Madhu Gupta "अपराजिता"

Inspirational Others

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Madhu Gupta "अपराजिता"

Inspirational Others

"अंधविश्वास"

"अंधविश्वास"

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अंधविश्वास का चोला हैं, हर किसी पर चढ़ा हुआ, 

शायद ही कोई बचा हुआ हो, इस सामाजिक बीमारी से, 

छींक यदि आ जाए किसी को, लोग ठिठक वही रह जाते हैं,

और तब वो कदम आगे घर से, बाहर नहीं बढ़ाते हैं

ना ही कोई काम शुरू वो शुभ ही करते, बस मुंह उसका ताकते रह जाते है, 

क्या हालत उस वक्त होते होगी, जो अभी-अभी आकस्मिक छींक छिका है, 

मन में कितनी ग्लानि होगी कि पाप क्या कर डाला है, 

जब तक ना गुजरे दिन अच्छा, जान हलक में अटकी उसकी होगी..

वाह मेरी दुनिया ये देखो, वैज्ञानिक युग में भी, अंधविश्वास हम पर हावी है .....!! 

चलते चलते रास्ते में, काटे बिल्ली रास्ता तो

लोग वहीं के वहीं रुक जाते कदम नहीं बढ़ते वो, 

जब कोई अनजान व्यक्ति करता रास्ता पार है... 

तब जाकर वह कदम बढ़ाते और रास्ते को पार वो करते हैं, 

इंसानों ने मन की स्थिति क्या खूब निराली बनाई है ... 

किसी मासूम जानवर का रास्ता पार करना, तुम पर क्या ख़ूब लाचारी है .... 

वाह मेरी दुनिया ये देखो, वैज्ञानिक युग में भी, अंधविश्वास हम पर हावी है ....!! 

चलते चलते मिल जाए उनको, यदि बाल्टी खाली पानी की,

लोगों पर छा जाती वही पर, लाचारी मायूसी की... 

जिस काम से निकला हूं बाहर, जाने अब पूरा होगा कि नहीं,

सोच के मन में आगे बढ़ते ,दुविधा उनको खा जाती हैं

सारी उम्मीदें उनकी अब, उस बाल्टी पर निर्भर करती हैं

जो अभी-अभी उनको रास्ते में, अनजाने से मिल जाती है.... 

वाह मेरी दुनिया ये देखो, वैज्ञानिक युग में भी, अंधविश्वास हम पर हावी है...!! 

ना जाने ऐसे कितने ही, अंधविश्वास लोगों के अंदर पलते हैं

जीवन इन अंधविश्वासों के इर्द-गिर्द, चक्कर काटता रहता है,

इस 21वीं सदी में भी हम सबका, इन अंधविश्वासों से पीछा नहीं छूटता हैं ..... 

इसकी छाया पड़ी हुई है, हमारे समाज और हर व्यक्ति पर,

सवाल बड़ा ये खड़ा हुआ है, कि क्या वाकई इन अंधविश्वासों से कुछ घटित अनचाहा होता है.... 

वाह मेरी दुनिया ये देखो, वैज्ञानिकों युग में भी, अंधविश्वास हम पर हावी है....!! 


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