मुकाम
मुकाम
मेरी हिम्मत की परीक्षा ना लेना
उसका इम्तिहान अभी बाकी है
जो राह मैंने चुनी है
उसका मुकाम अभी बाकी है।
हर कदम पर कांटों से लड़ा
फूल खिलाना अभी बाकी है
लोगों ने रच दिया इतिहास
मेरा इतिहास अभी बाकी है।
जो लोग मुझे भूल गए
उन्हें याद दिलाना बाकी है
उस बार ना सही इस बार सही
उम्मीदों की लौ अभी बाकी है।
माना की समय बहुत गुज़र गया
हिम्मत ने भी तो ठानी है
मन में जो कुछ सोच रखा
दृश्य पटल पर लाना बाकी है।
तुम साथ हो तो ठीक है
अकेले हाथों में मिशाल
लिए अभी बाकी है
मंजिल को परवाह नहीं मेरी
उसको पाना अभी बाकी है।