है मर्यादा जहाँ की रीत सदा।
है मर्यादा जहाँ की रीत सदा।
जब तिरंगा दिया मेरे भारत ने
भारत ने मेरे भारत ने
बलिदान का मतलब तब समझे सभी
प्रेम की भाषा भारत ने
दुनिया को पहले सिखलाई
सपूत ना देता भारत तो
तिरंगा लहराना मुश्किल था
अंग्रेजों और उसकी हुकूमत से
छूट पाना बड़ा ही मुश्किल था
देश प्रेम जहॉं पहले आया
रग-रग में बसा हो देश प्रेम जहॉं
अपना भारत वो भारत है
जिसकी मिसाल कहीं और है कहाँ
क्रांति बढ़ी और बढ़ती गई
आग लगी और लगती ही गई
ईश्वर करे यह और लोगों में बढ़े
देश प्रेम बढ़े और बढ़ता ही रहे.....2
है मर्यादा जहाँ की रीत सदा.....3
मैं वीरगाथा वहाँ की सुनाता हूँ
भारत माता का यह लाडला
अपनी मातृ भूमि की बात सुनाता हूँ
है मर्यादा जहॉं की रीत सदा.....
ऊँच, नीच का जहाँ पर भेद नहीं
हर किसी को गले लगाता है
कुछ और ना आता हो हमको
मातृ भूमि पर जान लुटाना आता है
जिससे डर चुके यह हुकूमत वाले
वो बात..2 तुम्हें बतलाता हूँ
भारत माता का यह लाडला.....
की हो हुकूमत किसी और ने तो क्या
हमें उसको भगाना आता है
जहाँ कृष्ण अभी तक है नर में
नारी में अभी तक गीता है
इतने अवतार हों इस देश में जहॉं
मैं नित नित...2 यश गान सुनाता हूँ
भारत माता का यह लाडला.......
इतनी करुणा, पशुओं में भी
गाय माता कह कर बुलाता है
इतनी दया इंसान तो क्या
सभी धर्मों को पूजा जाता है
उस कोख से मैंने जन्म लिया
उस मातृ भूमि....2 पर सब कुछ लुटाता हूँ
भारत माता का यह लाडला........
गीत के बोल......है प्रीत जहाँ की रीत सदा।
फिल्म.....पूर्व और पीश्चम।