ज़िन्दगी से न डरना कभी।
ज़िन्दगी से न डरना कभी।
ज़िन्दगी से ना डरना कभी
जी तो लेते हैं इसको सभी
भूत-भविष्य की तुम चिन्ता छोड़ो
वर्तमान में जीते हैं सभी......
उस जीवन का जीना ही क्या
जिस जीवन में खुशियाँ नहीं
वो इंसान, इंसान नहीं
जिसमें इंसानियत न हो
इंसान बनता, इंसानियत हो तभी.....
सदियों से जुर्म सहता रहा
सुख-दुख में ही खपता रहा
न कर सका कोई अच्छे कर्म
अपनी दुनिया में ही जीता रहा
अपने लिए तो जीते हैं सभी......
अपना ही पेट वाला तो क्या
दूसरों के लिए कुछ किया ही नहीं
जीवन की बाजी लगा कर के तो देखो
इससे बड़ी कोई इबादत नहीं
मिट जायेंगे दुख तुम्हारे सभी........
गाने के बोल....जिन्दगी की न टूटे लड़ी।
फिल्म...क्रान्ति।