STORYMIRROR

Anuradha Kumari

Tragedy Action Others

3  

Anuradha Kumari

Tragedy Action Others

ना थको मुसाफिर

ना थको मुसाफिर

1 min
205

जिस राह पर तू चला मुसाफिर ,

ना थक कर तुम लौट आना।

तुम सिकंदर हो हर हाल में मंजिल पाकर आना।


मृत्यु से कठोर ताना सुना तुमने,

तुम बोल रहे हो ताना में जमाना सुना तुम।

 

जब सभी मौज मस्ती की दुनिया में खोया था

बेफिक्र तुम अपनी रात की नींद खोया था।


जिस दिन सभी अपने प्रेमी प्रेमियों के साथ वैलेंटाइन डे मनाया था ,

तुम पुलवामा की याद में रात भर आंसू बहाया था।


नई नई फैशन की दुनिया को तू ने लात मारा था

नई कपड़े की जगह तुमने ncert book अपनाया था।


जिस राह पर तू चला मुसाफिर

ना थक कर तुम लौट आना

तुम सिकंदर हो हर हाल में मंजिल पा कर आना ।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy