श्री राम
श्री राम
श्री राम जय राम जय जय राम,
सब को जीवन की सीख देते रहे
जय श्री राम ,जय श्री राम
सीता माता का धैर्य
लक्ष्मण जी का तेज
भारत जी का त्याग
क्रोध को जिसने जीता है
उनको कोटि कोटि प्रणाम
जिनके चरणों में है हनुमंत लाला
हाथ में धनुष और वाणी की धार
जिसने धर्म की स्थापना का बीड़ा उठाया
अयोध्या जिनका धाम है
वो मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम है
जिसने अज्ञानता का प्रकाश मिटाया
जिसने हर मुश्किल को आसान बनाया
जिसने दुष्ट राक्षसों का विनाश किया
सच्चे भक्तों को देते वरदान
ऐसे रघुनन्दन को हमारा प्रणाम है
गुणवान तुम, बलवान तुम
भटकते मन की दीप ज्योति तुम
तुम्हारे चरणों में जिसने जीवन वार दिया,
संसार में उसका कल्याण है.
भाग्य में उसके वैकुण्ठ धाम है
तेरे नाम से बन जाते हैं बिगड़े काम
तेरे नाम से पुण्य मिले ,दर्शन चारों धाम
तुमसे मिलती सुखद जीवन की प्रेरणा
जिनसे गौरव का प्रतिमान है
श्री राम भारत की पहचान है
जो दूर करे अहंकार की बीमारी
जलाये रखे विश्वास की चिंगारी
जिनके दिल में तुम बस गए
धुल जाए सारे अनंत पाप
तेरे नाम की शक्ति में विश्राम है
प्रेम से बोलिए जय श्री राम
