बेटियाँ
बेटियाँ
कौन सी सदी में रहते हो
जो बात तुम ये कहते हो।
बेटी है तो सब जायज़ है
अजीब दिशा में बहते हो।
आज़ादी से न पालते हो
किसकी ग़ुलामी सहते हो।
क़त्ल करके ख़्वाबों का
किस बात पे हँसते हो।
बेटियाँ हैं तो ही सब है
ये क्यों नहीं चाहते हो।
कौन सी सदी में रहते हो
जो बात तुम ये कहते हो।
बेटी है तो सब जायज़ है
अजीब दिशा में बहते हो।
आज़ादी से न पालते हो
किसकी ग़ुलामी सहते हो।
क़त्ल करके ख़्वाबों का
किस बात पे हँसते हो।
बेटियाँ हैं तो ही सब है
ये क्यों नहीं चाहते हो।