Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Neeraj pal

Abstract

4  

Neeraj pal

Abstract

खोजें तो कहाँ खोजें।

खोजें तो कहाँ खोजें।

1 min
209


चाहे वो हो नबी या के खुदा

 किसका सज़दा करूँ किस का दामन गहूँ

 लगते एक से हैं, होते एक दूजे में फिदा

 मुर्शिद तू ही बता, कैसे दर्द-ए-दिल ये सहूँ


 खोजें तो कहाँ खोजें, मुर्शिद यह तेरा परवाना....3

 जहॉं भी जलती है शम्मा, होता रोशन जमाना.....2

खोजें......

जहाँ..........


 बेखुदी ने तेरी मुझको, इस कदर है रुलाया.......2

 जैसे धड़कता हो दिल ,सुनके तेरा अफसाना......2

खोजें.....

जहाँ..........

 

तूने जो पिलाई नूरानी दौलत का, मदहोश भरा जो प्याला......2

दिखाई ना देता अब कुछ भी, चाहे कुछ भी कहे यह जमाना.....2 

खोजें........

जहाँ..........


न है हर किसी के वस में, तेरे बनाए उसूलों पर चलना......2

 हिम्मत वाले भी देखे हैं गिरते हुए, बड़ा ही कठिन है तेरा यह सनमखाना.......2

खोजें.........

जहाँ.........


 कहीं यूँ ही न गुज़र जायें, जीवन की ये चंद घड़ियाँ......2

 मिलन की गुज़ारिश लिये बैठा ये "नीरज", अपनी नूरानी सूरत तो दिखाना.....2

खोजें........

जहाँ......


गाने के बोल.....चाहे वो हो शराब याके खुदा।

फिल्म......सुकून।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract