माँ की दुआ
माँ की दुआ
गर रिश्ते हम से बनते हैं,
तो ये रिश्ते टूटते क्यों हैं,
गर मोहब्बत दिल से होती है,
तो नफरत क्यों शिद्दत से करते हैं,
पूजा और प्यार दोनों ही
शिद्दत से होते हैं,
फिर नफरत के लिए जगह
कहाँ से बचती है,
आईना मैला हो जाये तो उसे
साफ कर लो,
उसे तोड़ कर ना फेंक दो।
गलतफहमी को दूर करने की
कोशिश करो,
रिश्तो को सरेआम नीलाम
कर के ना तोड़ो..
माँ जो भी कहती है सच कहती है
दोष कभी किस्मत को ना देना,
जो भी मिलेगा तुझे वो तेरे कर्मो का होगा,
जैसे कर्म करेगा तू वैसे ही फल पायेगा तू,
इंसानियत का सबक तू सदा याद रखना,
माँ की दुआ हर पल रहेगी साथ तेरे,
कभी भूले से भी ना गलत राह पर जाना,
सच की राह पर चलकर ही
जीवन का सफर तय करना,
झूठ और घमंड से तू दूर रहना,
माँ की दुआ हर पल साथ रहेगी..।।