शिव अभंग
शिव अभंग
श्री भोले शंकरा। शिव ब्रम्हचारी ।
जटा भस्म धारी। गंगाधर ।।१।।
कैलास निवासी। शिव चंद्र मौळी।
फणींद्र झळाळी। भोलेनाथ ।।२।।
तू वैराग्ययोगी। शिव शुलपाणी।
निज बोधवाणी। समाधिस्थ ।।३।।
त्रिपुरांतकारी। पति शैलजेचा।
म्हणती सुरांचा। विश्वनाथ ।।४।।
बहुबाहुधारी। अरि अंतकाचा।
ध्वज शांभवाचा। भोलेनाथ ।।५।।
व्याघ्रांबर धारी। गिरिजा विराजे।
क॔ठ निळा साजे। हळाहळ ।।६।।
गोवर्धन म्हणे। सकल जिव्हाला।
जपा मनी माला। पंचाक्षरी ।।७।।