प्रिये सखे गं साजणी
प्रिये सखे गं साजणी
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प्रिये सखे गं साजणी..
आलीस अशी तू जीवनी.. १
स्वर्गीय अप्सरा कामिनी..
अवतरली या गर्द अवनी..२
मनमोहिनी गं तू फुलराणी..
कांती तव भासे परि चंदनी..३
मृगनयनी तू कांचन हरिणी..
धुंद कस्तुरी गंध तव तनी..४
प्राण संजीवनी तुज पाहुनी..
हर्ष मनी अन् बहर श्रावणी..५
मोरनी हंसिनी तू जल राणी..
तू रानी वनी.. ध्यानी मनी..६
गजगामिनी दामिनी तू मैत्रिणी
तू जागृती स्वप्नी अन् दर्पणी..७
नंदिनी सहचारिणी तू नलिनी..
योगिनी जननी तू रत्न खानी..८
मंद रातराणी शांत अंगणी
धुंद यामिनी नभी शुभ्र चांदणी..९
अधीर चंद्र अन् समय रजनी..
आतुर हा चातक तव मिलनी..१०