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Suvarna Patukale

Romance

3  

Suvarna Patukale

Romance

का सुचेना मना

का सुचेना मना

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का सुचेना मना

तू प्रिये सांग ना

तूच तू अन् तुझे

भास करीती खुणा

का सुचेना मना...

उठते काहूर अन्

होते बैचेन मी

होई आतूर मी

अन् तुझी भेट ना

का सुचेना मना....

ना मिटे पापणी

झोप ना लोचना

स्वप्नं दाटे ऊरी

रंग ये जीवना

का सुचेना मना....

प्रीत गंधाळते

बहर येतो मना

साथ दे जीवनी

हीच ही कामना

का सुचेना मना.... 


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