घोंघरी प्रेमाची
घोंघरी प्रेमाची
*किती ओढावं घोंघरी
हळवं मन उघडतं वाट
ऊब प्रीत प्रेमाची धरून
जीव तयात लपावं वाटतं*
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*शहारे येई अंगाला
छाती मध्ये आळवतं
प्रेम स्पर्शानं दर्शवतं
मन लडिवाळ होतं*
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*जीवात जीव सारं
प्रेम घोंघरीमय लागतं
भानं नसे कशाचं
जीव धूंदीत गुंतत*
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*वाट चालती विश्वासानं
बंध हे प्रेमाचं
बळ देऊन जाती
संगे घोंघरी असल्याची*
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*पथ प्रवास प्रेमासाठीच
हुरहुरतं वाटोवाटी
तया नजर ठेवून
जिणं जीवाचं चालतं*
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*अशी ही घोंघरी प्रेमाची
नसून असल्या सारखी
सखी संगिनीची वेळोवेळी
कुठे ही सदा सोबतीला असतें*