Kumar Vikrant

Comedy

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Kumar Vikrant

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व्यापार- आने वाला कल

व्यापार- आने वाला कल

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"बेटे मक्खन जा घोड़ो की सारी सूखी हुई लीद इकट्ठी कर बोरो में भर ले और बोरो को गोदाम में रख दे।" गुलफाम नगर की घुड़साल के मालिक छत्तर दादा ने शहर के मशहूर निखट्टू मक्खन को समझाते हुए कहा। 

"दादा तुम्हारी घुड़साल के घोड़े रोज फिल्म बनाने वाले किराये पर शूटिंग के लिए ले जाते है, उससे तुम्हारी अच्छी कमाई होती होगी तो अब ये लीद का लालच क्यों पाल रहे हो?" मक्खन अपना निखट्टूपन दिखाते हुए बोला। 

"लीद का व्यापार वक्त की मांग है बेटे, वही कर रहा हूँ।" छत्तर दादा सोचते हुए बोला। 

"लीद का व्यापार, वक्त की मांग? कुछ समझा नहीं दादा।" मक्खन अपना सिर खुजाते हुए बोला। 

"बेटे हमारे देश में साल के चार महीने बरसात का सीजन रहता है उस समय हर धंधा मंदा पड़ जाता है यहाँ तक कि आउटडोर फिल्म शूटिंग भी नहीं हो पाती है। शूटिंग नहीं तो घोड़ो की सप्लाई नहीं और घोड़ो की सप्लाई नहीं तो पैसा नहीं और पैसा नहीं तो घोड़ो का दाना-पानी कहाँ से चलेगा?" छत्तर दादा मक्खन को समझाते हुए बोला। 

"इस सब में ये घोड़ो की लीद कहाँ आ गई?" मक्खन ने पूछा। 

"बेटे उन दिनों कागज और गत्ता फैक्ट्री को ये लीद सप्लाई की जाएगी और जो पैसा लीद की बिक्री से मिलेगा उस से घोड़ो का दाना-पानी और तुम निकम्मो की चाय नाश्ते का इंतजाम होगा; समझा कुछ?" छत्तर दादा हँसते हुए बोला। 

"तो ये काम अपने कारिंदो से कराओ न, मुझसे बेगार क्यों कराते हो?" मक्खन निकम्मापन दिखाते हुए बोला। 

"कैसी बेगार बेटे? देखो तुम रोज मेरी घुड़साल पर चाय-नाश्ता करने आ जाते हो, तुम्हे चाय-नाश्ता कराने से मुझे कोई दिक्कत नहीं है लेकिन मीठी चाय और तेल वाला नाश्ता खाकर तुम्हारी चर्बी बढ़ जाती है जिस कारण आने वाले कल में तुम्हे अनेको बीमारिया हो सकती है उन्ही बीमारियों से बचने के लिए घुड़साल में कुछ काम कर लोगे तो तुम्हारी कसरत हो जाएगी और तुम मोटे नहीं होवोगे और मोटे न होने से कई बीमारियों से बचे रहोगे।" छत्तर दादा समझाते हुए बोला। 

"बात तो सही कह रहे हो दादा, आने वाले कल में स्वस्थ रहने के लिए कसरत करनी ही चाहिए, जिम में कसरत करने के पैसे लगते है यहाँ घुड़साल में फ्री की चाय नाश्ते के साथ फ्री की कसरत में कोई बुराई नहीं है; बताओ लीद के बोरे ढोने के अलावा और क्या करना है?" मक्खन खड़े होते हुए बोला। 

"बेटे आज तो बस लीद की धुलाई कर लो कल की कल देखेंगे।" छत्तर दादा हंस कर बोला। 

छत्तर दादा ने घोड़ो और निखट्टुओं के आने वाले कल के लिए एक महा निखट्टू को आखिर काम पर लगा ही लिया था। 


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