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Vibha Rani Shrivastava

Inspirational

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Vibha Rani Shrivastava

Inspirational

वट का शास्त्र

वट का शास्त्र

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गुरु माँ

चरण वन्दन

आपके आशीष वचनों के कवच में घिरा मैं पूर्णतया सुरक्षित हूँ। मैं आपसे ज्यादातर नाराज ही रहा। मुझे लगता था कि आप मुझसे प्यार नहीं करती। सदैव अनुशासन की छड़ी मेरे सर पर लटकती रही। सबसे छोटे मामा की खुशियों का ख्याल ही रखती दिखीं। मामा, आपको माँ का दर्जा देते थे। मामा को नानी का अक्स याद नहीं था।

आपके अनुशासन ने मुझे सैन्य प्रशिक्षण तक पहुँचा दिया लेकिन विद्रोही मन से कमजोर पड़ा तन-मन सफल होने नहीं दे रहा था।

कुछ दिनों के पश्चात् सहभागियों के संग प्रशिक्षक स्तब्ध रह गए जब मैं सफल होना शुरू किया। आप भी जानना चाहेंगी ऐसा क्यों हुआ? बताता हूँ.. एक दिन मैंने देखा; चूजों के साथ पला बाज, आकाश में बहुत ऊँचे उड़ता बाज को देखकर भौंचक था। मुँडेर पर उड़ने वाले बाज नहीं होते..!

आकाश में उड़ते बाज की माता ने बिना पँख खुले बच्चे को आकाश के बहुत ऊँचाई पर ले जाकर छोड़ देने की क्रिया की होगी न...! उस सगी माँ को किसी ने सौतेली पुकारा होगा क्या...!

आपका कोख जाया।


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