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Meena Singh "Meen"

Comedy Romance Inspirational

4  

Meena Singh "Meen"

Comedy Romance Inspirational

वो तुम हो (भाग-9)

वो तुम हो (भाग-9)

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प्यारे रीडर्स,

अभी तक आपने पढ़ा कि अंजलि और मयंक मिलकर राघव और रागिनी की मीटिंग की प्लानिंग करते हैं ताकि वो दोनों अपने दिल की बात एक-दूसरे के सामने रख सकें। मयंक ने राघव को भी समझाया कि उसे अपने दिल की बात रागिनी से कह देनी चाहिए।आइये अब आगे पढ़ते हैं:-

अंजलि नैना जी से कहती है माँ बाय! मैं जा रही हूँ, देर हो गयी है। लेकिन बेटा नाश्ता तो करती जा, नैना जी ने रसोई से बाहर आते हुए कहा। नहीं माँ मुझे मंदिर जाना है, दर्शन करने के बाद ही कुछ खाऊँगी। लेकिन बेटा...............बाय माँ कहकर नैना चली गयी। ये लड़की हर वक़्त घोड़े पर सवार रहती है। नैना जी बडबडाती हुई वापिस रसोई में चली गयी थी। अंजलि ने बाहर रोड पर आकर ऑटो लिया और करीब 10 मिनट में मंदिर पहुँच गयी। हाय! आयुष कहकर अंजलि ने कहा सॉरी यार मैं लेट हो गयी। कोई बात नहीं प्रिंसेस , आयुष ने कहा था। तुम्हारा फ़ोन आया तो मुझे यकीन ही नहीं हुआ कि तुमने मुझे फ़ोन किया है। कैसी हो बहुत दिनों बाद तुम्हें देखा है और भी खूबसूरत हो गयी हो ? अंजलि ने उसके हाथ से बैग लेते हुए कहा मैं ठीक हूँ लेकिन तुम ठीक नहीं लग रहे हो ? क्या बात है बड़ी तारीफें हो रही है मेरी, कहीं तुम मेरे साथ फ़्लर्ट तो नहीं कर रहे ? अंजलि को घूरता देख आयुष मुस्कुराया और कहा सॉरी तुम्हें शायद बुरा लगा है। अंजलि ने कहा नहीं बस चाहती हूँ हम दोनों अच्छे दोस्त हैं और हमेशा अच्छे दोस्त ही रहे। ऐसा ही होगा प्रिंसेस, तुम्हारी दोस्ती ही मेरे लिए बहुत कीमती है। अंजलि ने कहा गुड बॉय चलो अब जल्दी से। मंदिर के पीछे पार्क में पहुँच कर अंजलि ने अपने साथ लाये सामान को रख दिया। आयुष और अंजलि चुपचाप उस बेंच पर बैठे थे।

अंजलि ने फ़ोन किया और कहा कितनी देर में पहुँचोगे तुम लोग ? बस 10 मिनट में पहुँच जायेंगे, दूसरी तरफ से मयंक ने कहा और फ़ोन काट दिया। बंदर कहीं का अंजलि ने गुस्से में कहा तो आयुष हँस पड़ा और कहा भाई ये बंदर कौन है ? अभी आएगा देख लेना, अंजलि ने कहा। आयुष तुम अमृता से मिले क्या ? इस बार अंजलि की आवाज में तकलीफ थी। आयुष ने कहा हाँ मिला था लेकिन वो नहीं मिली। जाने कहाँ खो गयी है, कुछ नहीं कहती चाहे घंटों उसके साथ बैठे रहो। मम्मी-पापा तो अब मिलने भी नहीं जाते, शायद उसके ठीक होने की उम्मीद खो चुके हैं। नहीं वो जरुर एक दिन ठीक हो जायेगी। अंजलि ने रोते हुए कहा अगर मुझे जरा भी पता होता कि उसको खतरा है उस लड़के से तो मैं शायद उसे बचा पाती। मुझे तो लगा था अमृता ने उसे मना कर दिया है तो अब वो उसे परेशान नहीं करेगा। लेकिन वो इंसान नहीं दरिंदा निकला। क्या कोई प्यार ना मिलने पर ऐसा करता है ? अंजलि फूट-फूट कर रोने लगी थी और बस यही कहती जा रही थी मेरी अमृता लाश बन चुकी है। उसे इस तरह अब और नहीं देखा जाता मुझसे।

आयुष ने आगे बढ़कर उसे गले से लगा लिया था उसने कहा अंजलि चुप हो जाओ प्लीज! जो भी हुआ उसमें तुम्हारी कोई गलती नहीं थी तुमने तो अपना फ़र्ज़ निभाया और गवाही देकर उसे जेल भिजवा दिया था। तुम्हें कहाँ पता था कि वो अमृता के साथ ऐसा करेगा ? रही अमृता की बात तो मुझे भी तुम्हारी तरह उम्मीद है वो कभी न कभी तो हमसे बात करेगी। तभी राघव और मयंक वहाँ पहुँच चुके थे। अंजलि को आयुष के गले लग रोते देख कर मयंक को कुछ समझ नहीं आया। राघव ने कहा क्या अंजलि का कोई बॉयफ्रेंड है ? आई मीन भाई तो है नहीं तो फिर ये कौन है जिसके गले लगकर रो रही है ?

तभी अंजलि की नज़र पीछे खड़े मयंक पर पड़ी और वो चुपचाप दूसरी तरफ मुँह करके अपने आँसू साफ करने लगी थी। मयंक और राघव अपनी जगह पर ही खड़े थे। अंजलि ने अपने आँसू साफ़ किये और चेहरे पर एक फीकी सी मुस्कराहट लेकर कहने लगी हाय मयंक और फिर राघव कि तरफ देख कर हेलो कहा। दोनों एक साथ ही बोल पड़े थे आर यू ओके अंजलि ? यस आई एम फाइन अंजलि ने कहा। ये आयुष है। दोनों ने आयुष को भी हेलो कहा। तभी वहाँ रागिनी और रिया भी पहुँच गए थे। दो मिनट बाद ही नितिन और शुभम भी हाँफते हुए वहाँ पहुँच गए थे। हाय हेलो के बाद राघव ही बोल पड़ा कि पूजा कहाँ पर होगी मंदिर में या फिर यहाँ पार्क में ? टाइम बर्बाद ना करते हुए मैं आप सभी से कुछ कहना चाहती हूँ, ये अंजलि ने कहा तो सभी उसकी तरफ देखने लगे थे। मैंने आप सभी से झूठ बोला था, उसके लिए माफ़ी चाहती हूँ। आज यहाँ कोई पूजा नहीं होनी है। ये सुनकर सभी अंजलि को घूरने लगे थे। मयंक भी अनजान बनकर खड़ा हो गया था।

शुभम ने कहा लेकिन क्यों भाभी ? अंजलि ने उसे घूरा और कहा मेरा नाम अंजलि है। राघव, नितिन और मयंक तीनों शुभम को बुरी तरह से घूरने लगे थे। शुभम ने अपनी गलती समझते हुए कहा सॉरी अंजलि वो तुम्हें देखकर मुझे अपनी एक भाभी की याद आ जाती है। अंजलि ने गुस्से में कहा जब मैं सिर पकड़ कर दीवार में देकर मारूंगी तो तुम्हारी यादाश्त ही चली जाएगी। शुभम ने कहा सॉरी कहा तो यार गलती हो जाती है इंसान से। अंजलि ने उसे इगनोर करते हुए मयंक की तरफ देखा जो अपनी हँसी रोकने की कोशिश कर रहा था। अंजलि के देखते ही वो दूसरी तरफ देखने लगा था।

अंजलि ने अपनी बात कहनी शुरू की और कहा राघव मैंने ये मीटिंग तुम्हारे और रागिनी की वजह से प्लान की थी। क्या ? ? ? राघव ने सुना तो हैरान होते हुए कहा। रागिनी तो पहले से ही जानती थी इसलिए उसके चेहरे पर कोई हैरानी नहीं थी। राघव ने रागिनी की तरफ देखा तो रागिनी भी उसकी आँखों में देखने लगी थी। राघव बिना कुछ कहे वहाँ से जाने ही लगा था कि तभी अंजलि और मयंक दोनों ही उसके सामने आ गए थे। उसकी बात तो सुन ले यार, मयंक ने कहा तो राघव ने कहा तू ये सब पहले से जानता था ना ? मयंक ने कहा हाँ लेकिन मैं ये भी तो जानता हूँ कि तू उसे पसंद करता है। राघव तू सब कुछ जानता था मेरी परेशानी भी फिर भी तूने ये सब किया ? मयंक ने कहा लेकिन राघव................मयंक ने कुछ कहना चाहा तो अंजलि बोल पड़ी थी। देखो राघव कोई तुम्हें जबरदस्ती बांध नहीं रहा तुम जाना चाहते हो तो बेशक चले जाओ लेकिन इसके बाद पछताना मत। रागिनी तुम्हें बहुत...........................................

मैं बहुत प्यार करती हूँ तुमसे, ये रागिनी की आवाज थी। कॉलेज के पहले दिन से, जब पहली बार तुम्हें देखा बस नज़रें तुम पर ही ठहर गयी थी। ये कहते-कहते रागिनी आकर राघव के सामने खड़ी हो गयी थी। राघव ने कहा लेकिन रागिनी मैं तुमसे प्यार नहीं करता। रागिनी ने कहा झूठ बोल रहे हो तुम। राघव रागिनी की तरफ देखने लगा तो रागिनी ने अंजलि के हाथों में पकड़ा हुआ गुलाब का गुलदस्ता देखा जो अंजलि उसी के लिए लायी थी। रागिनी ने उसमें से मुस्कुराते हुए एक लाल और एक पीला गुलाब निकाल लिया। अंजलि ने कहा अरे ये पूरा तुम्हारे लिए ही था। नहीं अंजलि राघव से अपने दिल की बात कहने के लिए बस यही काफी है। उसने दोनों फूल राघव की तरफ बढ़ाये और कहा मुझे तुमसे दोस्ती और प्यार दोनों चाहिए, प्लीज!! राघव का दिल कह रहा था हाँ बोल दे वो तुझे प्यार करती है लेकिन उसके दिमाग ने उसके दिल का साथ नही दिया। उसने कहा ऐसा नहीं हो सकता आई एम् सॉरी रागिनी। ऐसा कहते हुए राघव के दिल में तूफ़ान उठा हुआ था।

रागिनी ने एक बार राघव की तरफ देखा और फिर बाकी सबकी तरफ और अपनी आँखें बंद करके कहा आई रियली लव यू राघव! सबके सामने कह रही हूँ। उस दिन तुमने जब मुझसे अंजलि का फ़ोन नंबर माँगा तो मुझे लगा कि तुम शायद अंजलि को पसंद करते हो। इसलिए तुम्हें इगनोर करने लगी। तुम पर बहुत गुस्सा थी लेकिन हर समय बस तुम्हारे बारे में ही सोचती रहती हूँ। तुम्हें इगनोर करने के चक्कर में मैं तुम्हारे बारे में और ज्यादा सोचने लगी थी और शायद इसी वजह से तुम्हारे और करीब होती चली गई। तुम्हें पता है तुम बहुत कम बोलते हो लेकिन तुम्हारी आँखें बहुत बात करती हैं। मैंने जब भी नोटिस किया इन आँखों ने मुझसे कहा कि तुम भी मुझे चाहते हो। आज भी तुम कह रहे हो कि तुम मुझसे प्यार नहीं करते लेकिन तुम्हारी आँखें कुछ और कह रही हैं। ये मुझसे आज फिर कह रही हैं कि तुम भी मुझे चाहते हो। मैं नहीं जानती तुम अपनी फीलिंग्स क्यूँ नहीं कहना चाहते ? जरुर तुम्हारे पास ऐसा करने की कोई खास वजह होगी ? दोनों के बीच गहरी ख़ामोशी थी लेकिन दोनों के दिल तेजी से धड़क रहे थे। साथ ही वहाँ खड़े हर इंसान के दिल की धडकनें तेज थी ये सोचकर कि राघव क्या कहने वाला है ?

रागिनी ने अंजलि की तरफ देखा तो अंजलि ने उसे और बात करने का इशारा किया। रागिनी ने कहा राघव कुछ भी नहीं कहोगे ? क्या मैं तुम्हें सच में पसंद नहीं हूँ ? राघव ने एक नज़र रागिनी की तरफ देखा और फिर बाकी सब की तरफ देख कर वहाँ से जाने लगा। रागिनी ने एक बार फिर से बोलना शुरू किया राघव जा रहे हो जाओ लेकिन एक बात कहूँगी कि अगर तुम ये सोचते हो कि तुम मेरे लायक नहीं हो या फिर मैं तुम्हारे साथ खुश नहीं रहूँगी तो तुम बिलकुल गलत हो। मैं तुम्हारे साथ हर हाल में रहने के लिए तैयार हूँ, क्योंकि मैं तुमसे सच्चा प्यार करती हूँ। ये कहकर रागिनी वहीं अपने घुटनों पर बैठ गयी थी और खुद से दूर जाते हुए राघव को देख रही थी।

मयंक राघव की तरफ जाने लगा तो अंजलि ने उसे कहा जाने दो उसे, वो बहुत कंफ्यूज है। रागिनी ने अपनी बात कह दी क्योंकि तुमने कहा था कि पहल उसे करनी पड़ेगी। लेकिन अब तुम्हारे दोस्त की बारी है क्योंकि पहल तो हो चुकी है। मयंक अंजलि की बात सुनकर थोड़ा हैरान हो रहा था। रागिनी को उदास देख कर अंजलि ने रागिनी से कहा वाह यार तेरा इजहारे इश्क गज़ब का था। तू चाहे मान या मत मान ज्यादा देर वो तुझसे अपनी फीलिंग कहे बिना नहीं रह पाएगा। रागिनी ने नज़र उठाकर देखा और कहा अंजलि वो नहीं मानेगा ? रागिनी की आँखों से उसके दिल का दर्द अब आँसुओं के रूप में बाहर आने लगा था। मयंक ने जब देखा रागिनी रो रही थी, उसने कहा परेशान मत हो रागिनी मैं जानता हूँ कि वो तुम्हें कितना चाहता है ? और तुमने खुद भी तो उसकी डायरी पढ़ी थी ना, उसे थोड़ा टाइम दो प्लीज वो खुद दौड़ता हुआ तुम्हारे पास आएगा। रिया ने कहा रागिनी संभालो अपने आपको प्लीज। शुभम और नितिन अब भी हैरान खड़े थे क्योंकि उन्हें तो बिलकुल अंदाज़ा नहीं था कि उन्हें ऐसी पूजा में शामिल होना था।


सभी कॉलेज की तरफ निकल गए। रास्ते में सभी खामोश थे। कॉलेज के बाहर ही उन्हें राघव खड़ा दिखाई दिया। अंजलि, रिया और रागिनी जब उसके साइड से निकले तो राघव ने आवाज दी लेकिन रागिनी ने उसकी तरफ नहीं देखा और कॉलेज के अंदर चली गयी। रिया राघव की आवाज सुनकर रुकी तो उसने कहा रागिनी ठीक है ? रिया ने देखा राघव को रिया की फिक्र हो रही थी तो उसने कहा हाँ ठीक ही है लेकिन क्या तुम उसे सच में पसंद नहीं करते ? राघव ने कोई जवाब नहीं दिया और वहाँ से चला गया। शुभम ने कहा यार नितिन एक बात बता वो लड़की खुद आगे से आकर आई लव यू कह रही है और इसके भाव बढे हुए हैं। नितिन ने शुभम से कहा चुप करो। शुभम ने फिर कहा यार मैं तो सोच रहा हूँ ये लड़का आखिर सोचता क्या है ? ये रागिनी को पसंद करता है ये तो हमें भी पता है फिर उससे क्यों कहा कि मैं तुमसे प्यार नहीं करता ? नितिन ने कहा तू अपना दिमाग खर्च मत कर आगे चलकर तुझे अपने पापा का बिज़नेस संभालना है। राघव की प्रॉब्लम मयंक अपने आप सुलझा देगा क्योंकि उसके अलावा वो किसी और से कहेगा भी नहीं आखिर उसने ऐसा क्यों किया है ?

दूसरी तरफ राघव लाइब्रेरी में जाकर बैठ गया और कुछ घंटे पहले जो हुआ वो सोचने लगा। उसके दिल में एक अजीब सी हलचल थी लेकिन उसका दिमाग कुछ और सोच रहा था। तभी मयंक भी वहाँ जाकर बैठ गया। उसने कहा तू ठीक है ? हम्म राघव ने मयंक की तरफ देखे बिना ही कहा था। तूने उसे मना क्यों किया ? राघव ने कुछ नहीं कहा। मैं तुझसे कुछ पूछ रहा हूँ राघव, इस बार मयंक की आवाज में थोड़ा गुस्सा था। क्योंकि मैं उससे प्यार नहीं कर सकता। क्यूँ , क्या प्रॉब्लम है ? तू जानता है ना ये प्यार-व्यार इंसान की ज़िन्दगी बर्बाद कर देता है। मेरी माँ का हाल देखा है ना तूने, कितना कुछ सहा है उन्होंने इस प्यार के पीछे। मयंक ने कहा सबके साथ ऐसा ही हो ये जरुरी नहीं है। मेरे मॉम-डैड अरेंज मैरिज के बाद भी एक-दूसरे से प्यार करते हैं। राघव ने कहा वो एक अच्छी लड़की है मैं उसे कुछ नहीं दे सकता। मयंक ने कहा ये सब नहीं पूछ रहा तुझसे, बस ये बता तू उससे प्यार करता है या नहीं ? अपनी बात का कोई जवाब ना पाकर मयंक वहाँ से उठ कर जाने लगा। तभी ...................राघव ने कहा करता हूँ, मुझे खुद भी नहीं पता कितना लेकिन मैं उसे प्यार करता हूँ। उसे हर पल सोचता हूँ, उसके साथ बातें करना चाहता हूँ। अपने दिल की हर बात उससे कह देना चाहता हूँ। लेकिन मैं यही सोच कर खुद को रोक लेता हूँ कि मैं उसके लायक नहीं हूँ और इसीलिए नहीं कह सकता उससे कि मैं भी उसे चाहता हूँ।

मयंक मुस्कुराया और राघव की तरफ पलटा और कहने लगा अब कोई जरुरत नहीं तुझे कुछ भी कहने की। बैठ आराम से मौन व्रत रखकर, मत कर किसी की ज़िन्दगी बर्बाद। ठीक है बस तू खुश रह। वहीं एक अलमारी की ओट में छिप कर खड़ी रागिनी और अंजलि ये सब सुन चुकी थी। मयंक वहाँ से गुज़रा और रागिनी की तरफ देखकर मुस्कुराते हुए लाइब्रेरी से निकल गया। दरअसल रागिनी को उदास देखकर मयंक ने ही ये प्लान किया था ताकि वह रागिनी को राघव के मुँह से ये सुनवा सके कि राघव भी रागिनी को ही चाहता है, बस अपनी किसी गलत अवधारणा की वजह से वो ये बात रागिनी से कभी नहीं कहेगा। अब रागिनी भी खुश थी और अब अंजलि और मयंक ने मिलकर प्लान बी बनाया कि रागिनी को राघव को इगनोर और जेलस फील करवाना होगा ? कॉलेज के बाद सभी घर के लिए निकल गए। रिया और रागिनी तो खुश थे। अंजलि भी अपने प्लान के 50 प्रतिशत कामयाब होने की वजह से खुश थी, क्योंकि रागिनी ने अपने दिल की बात कह दी थी लेकिन राघव ने कुछ नहीं कहा था।

आयुष ने अंजलि को फ़ोन किया तो अंजलि ने कहा सॉरी यार तुम्हें थैंक यू भी कहना याद नहीं रहा। वो दरअसल मैंने ये नहीं सोचा था जो आज हुआ। मुझे लगा दोनों एक-दूसरे को चाहते हैं तो हाँ ही होगी और इसीलिए पार्टी करेंगे सोचकर तुझसे वो सब सामान भी मँगवाया था। लेकिन यहाँ तो सब उल्टा हो गया तो फिर सब प्लान ही चौपट हो गया था। सॉरी वन्स अगेन! अच्छा तेरे सामान का बिल कितना हुआ था बता दे तुझे ट्रान्सफर कर दूँगी। आयुष ने कहा शट अप ऐसा भी कोई अमाउंट नहीं हो गया जो तुम कर्जदार हो गयी। ऐसा करना जब अगली बार मिलोगी तब पार्टी दे देना मुझे तुम्हारा कर्जा उतर जायेगा। वैसे उस लड़के ने मना क्यों किया, उसकी शक्ल से तो लग रहा था कि वो भी उसे बहुत पसंद करता है ? अंजलि मुस्कुराई और कहने लगी शक्ल से तो तेरी भी लगता है कि तू भी किसी को पसंद करता है। क्या ? ? ? आयुष ने हैरान होकर कहा तो अंजलि कहने लगी अरे मजाक कर रही हूँ। वैसे राघव भी रागिनी को पसंद करता है और सिर्फ पसंद नहीं बहुत चाहता है। ये कहकर उसने आज जो लाइब्रेरी में हुआ वो आयुष को बताया तो आयुष हँसने लगा। वैसे ये मयंक ही तेरा वो फ़ोन वाला बंदर है क्या ? हम्म ......अंजलि ने हंसते हुए कहा। काफी इंटरेस्टिंग मालूम होता है ? तुमने देखा था कैसे घूर रहा था मुझे ?

अंजलि ने कहा कब और वो तुम्हें क्यों घूर रहा था ? आयुष ने कहा जल गयी होगी बेचारे की तुम्हें मेरे साथ देखकर। आयुष....................अब तुम मार खाओगे, ऐसा कुछ नहीं है, अंजलि ने गुस्से में कहा। रिलैक्स मैंने तो जो नोटिस किया वो बता रहा हूँ, आई थिंक वो तुझे पसंद करता है। ये तेरी बहुत बड़ी ग़लतफहमी है। चल अब सो जा मैं बहुत थक गयी हूँ कहकर अंजलि ने फ़ोन रख दिया। उसने देखा मयंक का मेसेज आया हुआ है। “तुम्हारा फ़ोन बिजी आ रहा है, जब फ्री हो प्लीज कॉल मी!” अंजलि ने पढ़ा तो तुरंत ही कॉल कर दिया। हेलो मयंक ने फ़ोन उठाकर कहा तो अंजलि ने कहा हाँ बोलो मयंक अभी तुम्हारा मेसेज देखा। ओह्ह वो तुम्हारा फ़ोन बिजी था इसलिए मेसेज किया, मयंक ने कहा। अंजलि ने कहा हाँ, वो मैं आयुष से बात कर रही थी, उसे थैंक यू कह रही थी। ओह्ह ये आयुष कौन है ? मेरा बेस्ट फ्रेंड है क्यों क्या हुआ ? बस फ्रेंड है, मयंक ने बहुत धीमी आवाज में पूछा था। अंजलि ने कहा हाँ क्यूँ कुछ कहा क्या उसने तुमसे ? नहीं वो सुबह जब हम आये तो तुम उसके गले लग कर रो रही थी, तो मुझे लगा शायद कोई बहुत क्लोज है.........................कहते-कहते मयंक रुक गया था। अंजलि ने कहा हाँ बहुत क्लोज है, मेरी फ्रेंड का भाई है और मेरा बहुत अच्छा दोस्त है या शायद दोस्त से भी कुछ ज्यादा। अंजलि ने जैसे ही ये कहा तो मयंक को सुनकर बिलकुल भी अच्छा नहीं लगा। उसने कहा ठीक है बाय कल बात करता हूँ। उसने बिना कुछ सुने ही फ़ोन काट दिया।

अंजलि ने फिर से फ़ोन किया तो मयंक ने गुस्से में फ़ोन नहीं उठाया। तभी आराधना जी कमरे में आई और कहने लगी मयंक क्या बात है गुस्से में क्यों लग रहा है ? कुछ नहीं मॉम मुझे नींद आ रही है। आराधना जी ने कहा बेटा डिनर तो कर लो। नहीं माँ बाहर खाया था भूख नहीं है मुझे, प्लीज सोने दें। आराधना जी ने कहा ओके बेटा गुड नाईट और वो कमरे से बाहर चली गयी थी। मयंक थोड़ी देर तो आयुष के बारे में सोचता रहा और फिर थके होने की वजह से उसे ना जाने कब नींद आ गयी।

उधर अंजलि सुबह जितनी एक्साइटेड थी शाम को उतनी ही उदास लग रही थी। नैना जी ने पूछा क्या बात है अंजलि तू परेशान है क्या ? नहीं तो अंजलि ने खाना खाते हुए कहा। अमिताभ जी ने कहा बेटा कुछ बात है तो आप हमें बता सकती हैं शायद हम कुछ मदद कर पायें आपकी ? इतना सुनना था कि अंजलि शुरू हो गयी और सुबह से लेकर शाम तक हुई हर बात अमिताभ जी और नैना जी को बता दी। दोनों बड़े ही ध्यान से अंजलि को सुन रहे थे। अब बताइए उस लड़के के दिमाग से ये कैसे निकाला जाए कि प्यार में सिर्फ तकलीफ नहीं होती, ख़ुशी भी होती है। वो बस एक ही बात पकड़ कर बैठा हुआ है और मेरी रागिनी का रो-रो कर बुरा हाल हो गया था। वो तो भला हो उस बंदर का जो उसने........................ कहकर अंजलि ने लाइब्रेरी वाला किस्सा कह सुनाया। ये सुनकर अमिताभ जी मुस्कुराये और कहने लगे बंदर कितना इंटेलिजेंट है ? इतना सुनते ही अंजलि ने अमिताभ जी की तरफ मुँह बनाकर देखा और कहा पापा आप भी उसे बंदर कह रहे हैं। अमिताभ जी ने कहा अब से वो जब भी मिलेगा मैं तो इसी नाम से बुलाने वाला हूँ। अंजलि हैरान होकर पापा ये कैसी बात कर रहे हैं आप उसे बुरा लग जाएगा ? क्यों भाई तुम कहती हो तब तो उसे बुरा नहीं लगता फिर मेरे कहने से क्यों बुरा मानेगा ?

अंजलि ने कहा ठीक है मैं भी नहीं कहूँगी, अब खुश ? नैना जी ने कहा बेटा अब बड़े हो गए हो आप दोनों ऐसे नहीं कहा करो एक-दूसरे को ? अंजलि ने कहा ठीक ई मॉम मैं वैसे ही परेशान हूँ। अमिताभ जी ने कहा तो अब क्या करने वाली हो ? मतलब...................अंजलि ने आखिरी बाईट खाते हुए कहा ? मतलब अब क्या करोगी कि राघव भी रागिनी से अपने दिल की बात कह दे ? सोचना पड़ेगा पापा लेकिन उसके मुंह से उगलवा कर छोड़ूँगी। अंजलि शर्मा नाम है मेरा। गुड नाईट कहकर अंजलि अपने कमरे में जाने लगी और रुक कर कहने लगी वैसे पापा ऐसी बातें शायद ही कोई पापा अपनी बेटी से कहते होंगे कि अब तुम क्या प्लान कर रही हो ? कहकर दोनों बाप-बेटी हँस पड़े थी। आई लव यू पापा, यू आर दी बेस्ट डैड। हाँ भाई और मॉम तो कुछ है ही नहीं, नैना जी ने मुँह फुलाते हुए कहा। अंजलि जाकर उनके गले लग गयी और कहने लगी ये बेस्ट डैड आपकी वजह से तो मिले हैं। सोचो आप इन्हें रिजेक्ट कर देती तो फिर कैसे बन पाते ये मेरे डैड ? सभी खिलखिलाकर हँस पड़े थे और अंजलि गुड नाईट कहकर अपने कमरे में पहुँच गयी।

उसने सोचा मयंक को फ़ोन करके पूछती हूँ कि कल क्या करना है प्लान-बी के तहत आखिर राघव को चिढाने के लिए रागिनी के साथ कौन होगा ? उसने मयंक को फ़ोन किया तो मयंक ने नींद में ही फ़ोन उठा लिया। हेलो, अंजलि बोल रही हूँ, हम्म बोलो! तुम सो रहे हो ? नहीं रात में जाग रहा हूँ। अरे ऐसे कैसे सो गए अभी टाइम ही कितना हुआ है, अंजलि ने कहा ? मयंक ने कहा घड़ी देखो पता लग जाएगा टाइम कितना हुआ है, गुड नाईट! मयंक ने फ़ोन काट दिया। अंजलि ने कहा हाउ रुड बंदर कहीं का, कुम्भकरण 10 बजे ही सो गया। अंजलि को अभी नींद नहीं आ रही थी। उसने अपनी डायरी उठाई और पेन लेकर आ गयी अपने आधे-अधूरे चाँद के पास। उसने लिखना शुरू किया:-

दिल की कैसी कोशिश है ये खुदाया,

सोचती हूँ दिल से ही बगावत कर लूँ।

बार-बार कहता है मुझसे सहल तो है,

कि मैं भी गुलज़ार मोहब्बत कर लूँ।

दिल की कैसी कोशिश है ये खुदाया,

सोचती हूँ दिल से ही बगावत कर लूँ।

उसकी आँखों में खुद का ही अक्स,

मैं तलाश लूँ है इल्तिजा-ए-दिल ये,

उसकी नींदों और उसके सपनों से,

चाहती हूँ आज कुछ शिकायत कर लूँ।

दिल की कैसी कोशिश है ये खुदाया,

सोचती हूँ दिल से ही बगावत कर लूँ।

उसके होठों पर ही कब तक मुल्तवी,

आखिर रहूँगी बस इक नाम बनकर,

उसके दिल की धड़कनों की सदा पर,

चाहती हूँ अब बेख़ौफ़ हुकूमत कर लूँ।

दिल की कैसी कोशिश है ये खुदाया,

सोचती हूँ दिल से ही बगावत कर लूँ।

उसके दिल की हर शय फलक है मेरा,

हर धड़कन पर इख़्तियार मेरा हो जाये,

उसकी उस नायाब मोहब्बत की खातिर,

सोचती हूँ इश्क में पार हर हद कर लूँ।

दिल की कैसी कोशिश है ये खुदाया,

सोचती हूँ दिल से ही बगावत कर लूँ।

उसने बेशक कहा नहीं है आज तक,

पर उसकी आँखें आईना है मेरे लिए,

हाल-ए-दिल पढ़ कर उसकी आँखों में,

सोचती हूँ खुद को मुकम्मल कर लूँ।

दिल की कैसी कोशिश है ये खुदाया,

सोचती हूँ दिल से ही बगावत कर लूँ।

क्रमश:


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