विश्व पर्यटन दिवस 2020,कोरोना
विश्व पर्यटन दिवस 2020,कोरोना


विश्व पर्यटन दिवस 2020,कोरोना के साये मेंपर्यटन के महत्व और लोकप्रियता को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ ने 1980 से 27 सितंबर को विश्व पर्यटन दिवस के तौर पर मनाने का निर्णय लिया था। विश्व पर्यटन दिवस के लिए 27 सितंबर का दिन चुना गया क्योंकि इसी दिन 1970 में विश्व पर्यटन संगठन का संविधान स्वीकार किया गया था।तबसे प्रतिवर्ष 27 सितंबर को दुनिया भर में विश्व पर्यटन दिवस मनाया जाता है।इस दिन जगह-जगह पर्यटन से जुड़े कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
इस दिवस को मनाने का उद्देश्य पर्यटन की हमारे जीवन में भूमिका के विषय में जागरूकता,समझ , आपसी सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक और आर्थिक मूल्यों को बढ़ावा देना और साथ ही साथ ज़िम्मेदार पर्यटक बनाना है।
हर साल अलग-अलग देश विश्व पर्यटन दिवस की मेजबानी करते हैं और इसका विषय हर वर्ष बदलता है, जैसे,
“पर्यटन और जीवन की विशेषता”, “पर्य़टन- सहिष्णुता और शांति का एक गुण”, “पर्यटन एंव जैवविविधता” “पर्यटन और जल, पर्यटन और नौकरी :सभी के लिए, एक बेहतर भविष्य और पर्यटन और सांस्कृतिक संरक्षण'।
वर्ष 2020 का विषय है ,'पर्यटन और ग्रामीण विकास'।
ग्रामीण समुदाय अपनी अनूठी संस्कृति और प्राकृतिक धरोहर होते जा रहे हैं।प्रजातियां लुप्त प्राय होती जा रहे हैं।परंपराएं, खान -पान, रहन -सहन सभी को संरक्षण और संवर्धन की आवश्यकता है।
पर्यटन विदेशी मुद्रा, व्यापार, रोजगार, राज्स्व और लोगों के लिए एक बेहतर भविष् के रास्ते खोलता है। खास तौर से महिलाओं और युवाओं को पर्यटन क्षेत्र में विकास होने से रोजगार के स्रोत उपलब्ध होते हैं।
भारत के असंख्य भव्य स्मारक ,प्राचीन मंदिर, मकबरे, समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, वर्तमान प्रौद्योगिक विकास लाखों विदेशी पर्यटकों को प्रतिवर्ष आकर्षित करते हैं।
भारत में पर्यटन की उपयुक्त क्षमता है। यहां सभी प्रकार के पर्यटकों को चाहे वे साहसिक यात्रा पर हों, सांस्कृतिक यात्रा पर या वह तीर्थयात्रा करने आए हों या खूबसूरत समुद्री-तटों की यात्रा पर निकले हों, सबके लिए खूबसूरत जगहें हैं। दिल्ली, मुंबई, राजस्थान, मध्यप्रदेश जैसे राज्यों में तो लोगों को घूमते-घूमते महीना बीत जाता है।
विश्व के पांच प्रमुख पर्यटक स्थलों में से एक है,भारत। उसके बाद सबसे ज्यादा पर्यटक फ्रांस की यात्रा करते हैं फिर स्पेन, अमेरिका और चीन का नंबर आता है। भारत 'मेडिकल पर्यटन' के मामले में विश्व में अग्रणी है।
देश पर्यटन के क्षेत्र में लगातार वृद्धि कर रहा है।यहां हर साल 1 करोड़ से भी ज्यादा विदेशी पर्यटक आते हैं। पर्यटन मंत्रालय के अनुसार भारते आने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हुई है,जिसे देखते हुए पुरानी और ऐतिहासिक इमारतों का रखरखाव और संरक्षण भी होने लगा है ।
पर्यटन से ग्रामीण क्षेत्रों में भी रोजगार के अवसर कई पैदा हो रहे हैं। साल 2018 में टूरिज्म सेक्टर का देश की GDP में योगदार 9.2 फीसदी था।पिछले कई सालों में पर्यटन एक प्रमुख उद्योग के रूप में उभरा है। कई देशों में पर्यटन में वार्षिक बढ़ोतरी का रेट 8% से ज्यादा है। चीन, रूस और ब्राजील जैसे उभरते बाजार अब पर्यटक पर खुलकर खर्च कर रहे हैं।
दुनिया में कोरोना से आई आर्थिक मंदी के चलते पर्यटन पर प्रभाव पड़ेगा, ऐसा लगता है। फिर भी आशा करनी चाहिए कि भारत की सांस्कृतिक और प्राकृतिक सुन्दरता पर्यटकों को ज्यादा समय तक यहां के सुन्दर नजारे देखने से दूर नहीं रख सकेगी।
कोरोना संकट कटे और दूरियां सिमटें तो लोग बाहर निकल सकेंगे और पर्यटन दोबारा एक फलता- फूलता उद्योग बन सकेगा।लोगो के बीच दोबारा मेल-मिलाप बढ़ेगा, जो भिन्न भिन्न संस्कृतियो के लोगों को करीब लाकर विश्व बंधुत्व की भावना और सहिष्णुता को भी बढ़ावा देगा।
पर्यटन के विकास व संवर्धन के लिए योजनाओं में पहले के मुकाबले चार गुना से अधिक खर्च किया जा रहा है।
विभिन्न पर्यटन उद्यम, संगठन, सरकारी एजेंसियां इस दिन विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताएँ आयोजित करते हैं, जैसे फोटो प्रतियोगिता, मुफ्त प्रवेश के साथ पर्यटन पुरस्कार प्रस्तुतियाँ, आम जनता के लिये छूट/ विशेष प्रस्ताव आदि।
बोस्टन कंसलटिंग ग्रुप की रिसर्च से यह ज्ञात हुआ है कि छ: महीनों के एकांत और कहीं -कहीं क्वारंटाइन के बाद 31% लोग सामान्य परिस्थितियों का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
लोग बीच पर जाना अथवा छोटे कस्बों में जाना चाह रहे हैं,खास कर इटालियन और डच,भारतीय घरेलू पर्यटन चाह रहे हैं।
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की मून ने ठीक ही कहा है ,"शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व खोज मे लगी दुनिया के लिए पर्यटन एक महत्वपूर्ण कारक साबित हो सकता है।विश्व “पर्यटन की आचार-संहिता” तैयार की है ताकि किसी देश की सांस्कृतिक विरासत और पर्यावरण को पर्यटन के नकारात्मक प्रभावों से बचाया जा सके।"