विक्रम और IAS
विक्रम और IAS
विक्रम जो अपने घर का इकलौता पुत्र था उसके सपनों की उड़ान काफी लंबी थी। लेकिन सपनों की उड़ान देखने के साथ - साथ उम्र से भी बड़ा होता जा रहा था। वह 25 वर्ष का था उसकी न शादी हुई बस बोझ तले जिंदगी जी रहा था। उसकी शादी के लिए बहुत सी लड़कियां आती थी लेकिन वह मना कर देती क्योंकि विक्रम कुछ कमाता वमाता नहीं था। विक्रम के माँ- बाप ये सोचते थे कि अगर मेरा बच्चा कमाया नहीं तो कौन शादी करेगा बस उसी सोच में उसने पांच साल गुजार दिए। विक्रम ने सोचा लड़का कमाऊ चाहिए लड़की कमाऊ न हो ये बात उसको हज़म नहीं हुई। एक दिन विक्रम किसी की शादी समारोह में गया वहाँ देखा की एक लड़की जो सरकारी कार से निकलती उसके आगे पीछे पुलिस की फौज थी शायद वह आईएएस अधिकारी थी। वह देख कर हैरान हो जाता कि कितनी कम उम्र में आईएएस बन गई, बस वही से विक्रम के दिमाग में आईएएस का भूत सवार हो गया। बस वह सालो साल की मेहनत में लग गया और एक दिन वह आया कि विक्रम भी आईएएस बन गया। उसकी मुलाक़ात उसी लड़की से होती अब विक्रम ने उससे बात करने की कोशिश की। विक्रम अपने बारे में बताता और वह विक्रम को अपने बारे में बताती वहीं से विक्रम की प्रेम कथा शुरू हो जाती और कुछ दिनों बाद विक्रम और दिव्या की शादी हो जाती।
दुनिया की नजर में विक्रम ने कामयाबी हासिल लड़की की वजह से की होगी लेकिन खुद की नजर में अपने बड़े सपनों को पूरे करने के लिए की है।