STORYMIRROR

amit Rajput

Inspirational

2  

amit Rajput

Inspirational

विधवा होना कोई कलंक नहीं

विधवा होना कोई कलंक नहीं

1 min
506

विमला की शादी को अभी 4 वर्ष पूरे भी नहीं हुए थे कि अचानक एक दिन उसको अशुभ समाचार प्राप्त हुआ कि उसके पति देव श्री अशोक अब इस दुनिया में नहीं रहे। विमला अपने मन में यह सोच रही थी कि मैं कितनी मनहूस स्त्री हूं जो इतने कम समय में विधवा हो गई हूँ।

और रोने लगी तभी विमला की नंद, ससुर और सास आ गई और कहने लगी कि बेटा तुम चिंता क्यों करती हो।

हम उनमें से नहीं जो तुम्हें ताना मारेंगे। जब तुम इस घर में आई थी तभी से हमने तुम्हें अपनी बेटी माना है बहू तो कभी माना ही नहीं। रही बेटे के जाने की बात यह तो ऊपर वाले की इच्छा थी जो बेटा अब इस दुनिया में नहीं है।

विमला यह सब सुनकर नरम आंखों से रोने लगी और कहने लगी यदि आप जैसे मात-पिता समान सास-ससुर नंद सबको मिल जाए तो विधवा को मनहूस कहने वाले लोगों की जबान बंद हो जाए।

मैं बहुत ही भाग्यवान हूं जो मुझे आप जैसे सास ससुर मिले


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Inspirational