Shalini Dikshit

Drama

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Shalini Dikshit

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विदाई

विदाई

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"बघीरा इतने दुखी से क्यों बैठे हो?" बलू ने पूछा। 

"देखो ना कितनी देर हो गई है मोगली पता नहीं किधर निकल गया है दिख नहीं रहा है मुझे बिल्कुल अच्छा नहीं लग रहा......" बघीरा ने बताया।

"हे भगवान तुम इतनी सी बात से इतना परेशान होकर घूम रहा होगा इधर-उधर भेड़िया टाइगर के साथ।" बलू ने उसको समझाया।

मोगली उन सबके के साथ ही बढ़ा हुआ है इसलिए सबको उससे बहुत प्रेम है, जरा देर आंखों से ओझल हो जाए तो बघीरा को तो बिल्कुल बर्दाश्त नहीं होता है इसीलिए वह परेशान बैठा है। 

अब हम इंसानों की तरह उनके पास मोबाइल तो है नहीं कि फट से मोगली को मैसेज कर के पूछ ले कि कहां हो बेटा जल्दी से आ जाओ? इसलिए उसके जाने के बाद उनके लिए परेशान होने के अलावा कोई और चारा भी नहीं है। 

मोगली जंगल के सारे तौर-तरीके जानता है इसलिए उसको किसी से कोई खतरा नहीं है। सब उसको इतना प्रेम करते हैं कि अगर जरा सी मुसीबत में पड़े तो उसकी मदद के लिए कूद पड़ते हैं, फिर बघीरा इतना उदास क्यों है, उसके थोड़ी देर से ना देखने से बलू को भी समझ में नहीं आ रहा है?

"ठीक है तुम बैठे रहो उदास......." गुस्से में बोल कर बलू वहां से चला गया। 

मोगली खुद ही गाना गाता हुआ चलता-कूदता जंगल में बहुत दूर तक निकल गया था। 

"जंगल-जंगल बात चली है पता चला है........" उसका सुर बहुत तेज होता चला जा रहा था। अचानक उसे जंगल के किनारे से गुजरती एक सड़क दिखाई दी, वो सड़क के किनारे बैठ कर आती-जाती गाड़ियों को देखने लगा, उसने कभी गाड़ियां नहीं देखी थी उसको बड़ा अचंभा हो रहा था। 

"अरे गाड़ी रोकिए......." तेज रफ्तार से जाती गाड़ी में बैठी महिला बोली, उसकी नजर सड़क के किनारे बैठे मोगली पर पड़ गई थी। 

"क्या हुआ गाड़ी क्यों रुकवा रही हो?" कार रोकते हुए आदमी ने पूछा।

महिला उसकी बात का जवाब दिए बिना ही जल्दी से कार का दरवाजा खोलकर बाहर मोगली के पास आ गई और उस पर छू-छू कर देखने लगी और बहुत प्यार से निहारने लगी। 

"बेटा तुम्हारा नाम क्या है?"

उस महिला को देखकर अचंभित होकर मोगली बोला "मेरा नाम मोगली है।"

"तुम अकेले क्यों बैठे हो तुम्हारा घर कहां है?" उस महिला ने पूछा। 

मोगली को समझ में नहीं आ रहा था यह महिला उसे इतने सवाल क्यों कर रही है?

"मैं तो यह जंगल में ही रहता हूँ......." मोगली ने बताया। 

महिला जो इस संदेह के साथ कार से उतरी थी कि यह शायद उसका खोया हुआ बच्चा है, अब उसको पक्का हो गया था कि यह उसका खोया हुआ बच्चा था। लेकिन क्या करें यह तो जंगल में रहता है। 

"बेटा तुम बचपन में खो गए थे हम तुम्हारे मम्मी-पापा है, तुम्हें हमारे साथ चलना चाहिए, अब हम तुम्हें और जंगल में नहीं रहने देंगे......"

मोगली को समझ नहीं आ रहा है कि वह खुश हो कि क्या करें?

"अरे कैसे मैं आपके साथ नहीं जा सकता है? यहां सब मेरे अपने लोग हैं मैं उनसे पूछे बिना कहीं नहीं जाता हूँ........"- मोगली ने कहा

"ठीक है चलो हम तुम्हारे साथ जंगल के अंदर चलते हैं, हम तुम्हारे लोगों से बात कर लेंगे, उनको समझाएंगे कि तुम हमारे बेटे हो, हम तुम्हें अपने साथ ले जाएंगे।" वो महिला उत्साह के साथ बोली। 

वह लोग अंदर गए वहाँ एक मीटिंग हुई। भेड़िया, बलू, बघीरा सब ने विरोध भी करना चाहा, लेकिन फिर उन सबको यही लगा कि यह इंसानों का बच्चा है उसको उनके साथ ही चले जाना चाहिए। उसके अच्छे भविष्य के बारे में सोच कर उन सबने मोगली को इंसानों के साथ जाने के लिए हामी भर दी। 

मोगली सबसे बगलगीर होकर मिला और वादा किया कि वो उन सबके कहने से जा जरूर रहा है लेकिन जब भी मौका मिलेगा वो उनसे मिलने आता रहेगा। 

इसके बाद भेड़िया, बलू, बघीरा सब ने उसे भारी मन से विदाई दे दी। 


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