Dr. Poonam Verma

Thriller

4.5  

Dr. Poonam Verma

Thriller

वापसी

वापसी

6 mins
233


रिसेप्शन पर उन्हें जब बताया गया, कि एक घंटे बाद चेकिंग टाइम है, तो सुनकर वह  परेशान गए। लम्बी यात्रा करके बुरी तरह थके होने के कारण इस समय उनका मन कर रहा था , थकान दूर करने के लिए गरम पानी का शावर लेने के बाद एक अच्छी नींद लें।

एक ही घंटा की तो बात है।अपने आपको समझाते हुए, पसंदवाली कार्नर की सीट ढूंढने लगे। कार्नर की सीट जैसे ही दिखा, उस पर जा बैठे  और गहरी सांसे लेते हुए वहां की चकाचौंध को देखने लगे। दुनिया के सबसे अमीर देश अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर के होटेल के लाउंज बैठकर, उन्हें ऐसा लग रहा था। जैसे वह किसी जादुई पिटारा में आ बैठे हो। रोमांच के साथ एक अलग प्रकार की खुशी उन्हें महसूस होने लगी। हो भी क्यों नहीं? बरसों से संजोए अपने विदेश यात्रा का सपना को पूरा करने के लिए अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन न्यूयॉर्क' में भाग लेने आना, उनके लिए जीवन की बहुत बडी उपलब्धि थी। 

  विदेश का आकर्षण उन्हें अपनी ओर हमेशा से खींचता रहा था। इसलिए मन में इच्छा लिए विदेश जानेवालों की धक्का-मुक्की भरे लाइन में बरसों तक अपने बारी का धैर्य पूर्वक इंतजार करते रहे, लेकिन जब बात नहीं बनी ,तो इस बार अपने सारे उसूलों को ताक पर रखकर ;उन्होंने जोड़-तोड़ सहारा लिया। उसूल पर टिके रहने वाले उनके स्वभाव के लिए ऐसा करना आसान काम नहीं था। उनके उसूल से उन्हें अनकही आंतरिक शक्ति मिलती है। ऐसा उन्होंने कई बार अनुभव किया था। क्षमता के अनुसार किसी जरूरतमंद की मदद करना, नॉनवेज खाना की खुशबू से ही नॉनवेज खाने के लिए परेशान

 हो उठने वाले अपने जीभ को सोमवार के दिन नियंत्रण में रखकर दृढ़ता के साथ नॉनवेज नहीं खाने के नियम का पालन करना, जैसे छोटे-छोटे कई उसूलों के साथ उनके कुछ बड़े उसूल भी थे। उसमें एक बड़ा उसूल था किसी से उधार नहीं लेना, जो उनके बचपन की घटना से जुड़ा था और उसे वह कभी नहीं तोड़ पाए थे।

चार-पांच साल के होंगे। तबकि बात है। कक्षा में साथ बैठने वाले एक सहपाठी जब भी खोमचे पर बिकने वाली सूखे आटा में लिपटी गुड़ की छोटी-छोटी गोलियाँ खरीदकर खाता उन्हें भी खिलाता। लेकिन किसी बात पर लड़ाई होने पर उसने उनसे अब तक जो गुङ की गोलियाँ खिलाई थी।उसके पैसे मांगने लगा। पैसे की लेन-देन की थोड़ी भी समझ नहीं होने के कारण बार-बार पैसे मांगे जाने पर वह बस यही बोल रहे थे,

"मेरे पास पैसे नहीं है।"

"ठीक है, अभी उधार समझ कर छोड़ रहा हूं।लेकिन कल जरूर दे देना। उसने उन्हें धमकाते हुए कहा था। 

 अगले दिन स्कूल गए, तो बहुत ही डरे हुए थे, कि वह उसके पैसे नहीं मिलने पर फिर से झगड़ा करेगा, लेकिन स्कूल जाने के कुछ ही देर बाद हेड मास्टर साहब ने फील्ड में सारे बच्चों को जमा होने के लिए बोला। जब सब जमा हो गए, तो दुखद घटना के बारे में बोलते हुए उनके सहपाठी के बारे में बताने लगे

"कल शाम को पानी की भरी बाल्टी लेकर सड़क पार करते हुए। किसी ट्रक के नीचे आकर कुचले जाने से उसकी मृत्यु हो गई। इसलिए प्रार्थना के बाद स्कूल में छुट्टी होगी।अपने- अपने घर जाने के लिए बस्ता उठाते हुए कक्षा के किसी दूसरे सहपाठी ने मृत्यु का अर्थ बताते हुए बोला ; कि अब वह स्कूल नहीं आएगा। मृत्यु का सच जानने के बहुत डर लगने लगा लेकिन फिर भी कई दिनों तक उनकी ऑखे उसे स्कूल में हर तरफ ढूंढती रही।लेकिन वह कभी नहीं दिखा। इस बात का अन्दर तक यह असर हुआ कि, जब भी कोई कुछ भी उन्हें उधार देने की बात करता। उन्हें भय और घबराहट होने लगती और वह उधार लेने से मना कर देते। 

सोचते -सोचते आंखें झपकने लगी, तभी तेज परफ्यूम की सुगंध सांस की हवा के साथ नाक में गया। वह एक झटके के साथ संभलकर बैठ गए और बड़े गौर से उस अपरिचित व्यक्ति देखने लगे, जो अभी-अभी उनके पास आकर बैठा था।उन्हें अपनी ओर देखते हुए देखकर उस व्यक्ति ने उन्हें मुस्कुरा कर देखा।

 वह भी मुस्कुराना चाहते थे,  लेकिन उनके आकर्षक व्यक्तित्व से प्रभावित होने के बावजूद वह धीर गंभीर स्वभाव के कारण वह मुस्कुरा नहीं पाए। 

" वेटिंग फॉर रूम?" 

"हां" उन्होंने संक्षिप्त जवाब दिया। 

"यू आर लुकिंग वेयरी " 

"यस" 

 "जुगाङ नहीं पाया? हो भी नहीं सकता, क्योकि यहां के लोग नियम को पक्के मानने वाले होते हैं।लाइन में लगकर धैर्य पूर्वक अपनी बारी आने तक रूके रहते है।

 जुगाड़' सुनकर उन्होंने चौक कर पूछा

"आप भारतीय हैं"?

 मॉरीशस से आया हूँ, लेकिन मूलत: भारतीय हूँ। मेरे दादाजी ब्रिटिश शासन के समय सेना में थे। भारत से मॉरीशस आए,

 वह वापस भारत नहीं जा पाए। लेकिन जब मैं दस वर्ष का था तब पिताजी के साथ अपने पैतृक गाँव गया था। वहां गया तो बड़े बेमन से था, क्योंकि अपनी माँ और बहनों को छोड़कर कहीं भी एकभी दिन रहने में मेरी जान निकल जाती थी। लेकिन दस दिन गाँव में कैसे बीता मस्ती धमाचौकड़ी और अपनापन के बीच पता ही नहीं चला। घुमक्कड़ स्वभाव सोने के बाद भी दोबारा चाह कर भी वहां जा नहीं पाया, लेकिन वो दस दिन हैप्पी मेमोरी के रूप में याद आ ही जाते हैं।:

बातचीत की जीवंतता बनाए रखने के लिए उन्होंने बीच मे ही रोकते हुए उनसे पूछा "आप यहाँ घुमने आए हैं?" 

"मैं घुमने नहीं आया, यहां मेरा आधा घर है। मेरी पत्नी लास वेगास और बेटा न्यूयार्क में रहता है। मैं अपने

 पेरेन्टस के साथ मॉरीशस में रहता हूं। यहां साल में दो -तीन बार आ जाता हूं। "

"लगता है आपको मारीशस ज्यादा पसंद है।"?

 "बिल्कुल वहां मेरा जन्म हुआ है।वही मैं पला बढ़ा हूं, लेकिन मॉरीशस में मेरे रहने का कारण यह है ; कि मेरे

पेरेंट्स मॉरीशस छोड़ना नहीं चाहते और उम्र के जिस पड़ाव में वो हैं। मै उन्हें अकेला छोड़ नहीं सकता। "

"अमेरिका के बारे में आप क्या कहते हैं ?"

यह सवाल उन्होंने जानबूझकर किया था, ताकि वह अमेरिका के बारे में कुछ जान सके तभी तो अपने बेटे को स्टडी के बहाने भेजकर यहां सेटल करके वह निश्चिंत हो सकते हैं। 

" यह कह सकता हू, कि यह देश प्रवासियों से भरा और बहुत ही

 सुरक्षित है। उससे भी बड़ी बात यह है, कि अच्छी बात को अपनाने के लिए यहां के लोग तैयार रहते है। योग को ही लीजिए सामान्य लोग हो या विचारक सभी योग को बहुत महत्व देते हैं। कैलिफोर्निया के थियोडोर रोजैग ने तो

 मस्तिष्क को असीमित

 क्षमता से भरे हुआ और कुछ भी करने की खुली छूट देने के बजाय कहते हैं, कि 

पतंजलि के अहिंसा और सत्य को मात्र अपना लिया जाए ;तो रोगों के उपचार के लिए अन्य विकल्प की नगण्य जरूरत रह जाएगी।

"मैंने भी सुना है यहां योग गुरुओ को बहुत जल्दी प्रसिद्धि मिल जाती है "।वह बोले थे। 

"बात यह है, कि अगर योग्यता है।तो यहां किसी भी क्षेत्र में कितनी भी ऊंचाइयों पर जाया जा सकता हैं। 

मेरी पत्नी इस देश को अपना चॉइस बताया तो शुरू ने मुझे यह स्वीकार नहीं था।लेकिन अब मुझे लगता है अपनी प्रतिभा से जो कुछ हासिल किया है यहीं रहने से संभव हो पाया है। यहां के इन्वॉरमेन्ट का असर है, कि मेरा बेटा इतनी कम उम्र में अपने सारे डिसीजन लेता है। अपने कैरियर की पूरी प्लानिंग उसके पास अभी से है। मुझे उस पर पूरा भरोसा है।वह अपने जीवन में जरूर कामयाब होगा। "

हजारों किलोमीटर दूर उन्हें अपने बेटे से हुई बहस उन्हें याद आने लगी वह बोलरहा था"मुझ पर भरोसा रखकर आप मुझे सहयोग करने के बजाए हमेशा ताना देकर मेरा मनोबल क्यों तोड़ते हैं?"

 "आईआईटी करने के बाद मिलने वाले अच्छे पैकेज और जॉब को ठुकराकर गाँव में रहकर खेतीबाड़ी करने के तुम्हारे निर्णय से खुश होकर तुम्हारा पीठ थपथपाऊ।तुम्हें मुझसे यह उम्मीद है , तो ऐसा सोचना भी नहीं।" वह बिफरकर बोले थे।

"ठीक है ,लेकिन मैंने भी ठान लिया

है, कुछ अलग और अच्छा करना है। मुझे अपने पर भरोसा है। मैं करके रहूंगा।" बड़ी दृढता के साथ उसने कहा था।

"नालायक " उनके मुंह से अनायास ही निकल गया।

"आपने मुझसे कुछ कहा क्या ?"उनके पूछने पर वह सकपकाकर " नहीं "बोल कर चुप हो गए।

 लेकिन वह अमेरिका के बारे में लगातार बताए जा रहे थे। जबकि उनका दिमाग उनके बारे में सोच रहा था पुत्र, पति और पिता का कर्तव्य के लिए स्वयं को उत्सर्ग करके भी यह व्यक्ति आत्मसंतुष्ट और प्रसन्न है।भावुक लोग कमजोर नहीं होते। कमजोर तो उनके जैसा बौद्धिक व्यक्ति होता है।जिसे अहम् नियन्त्रित करता है। दूसरों के परख की कसौटी पर खरा उतरने  के लिए पूरी जिन्दगी दोङ मे बिताया   बेटा भी वही करे इसलिए उसका विरोध कर रहे हैं। अब वह उसका साथ देंगे। यह उनके लिए कठिन भी नहीं।वह गांव से निकलकर ही आगे बढ़े हैं। वापस होगे गांव की ओर अपने बेटे के लिए।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Thriller