Neelam Sharma

Romance

3  

Neelam Sharma

Romance

उड़ता ❤️....!

उड़ता ❤️....!

2 mins
220


चाय की चुस्की लेते हुए बार बार ध्यान मैसेंजर के इनबॉक्स में जा रहा था।मैसैज टोन बजती और मृणालिनी उत्सुकता से भरकर फट से फोन उठाती पर फिर रख देती।एक गुड मॉर्निंग का मैसेज इस तरह से जीवन जीने का अंदाज़ बदल देता है पता न था।

काफ़ी दिनों से मृणालिनी की सुबह उसके चेहरे पर नूर ला रही थी। तभी वो गुड मॉर्निंग भी आ ही गया जिसका उसे इंतज़ार था। सरकारी छुट्टी थी इसलिए दोनों आराम से चैटिंग कर रहे थे तभी मृणालिनी ने जिग्नेश की किसी बात पर सहमति के रूप में लिखे दबाना चाहा तो देखा दिल का स्टीकर है। जिसे प्रैस करते ही बहुत सारे दिल एकसाथ उड़ने लगे। थोड़ी चुलबुली प्रकृति होने के कारण वह मचल उठी, और बिना बात की गहराई को समझे बोली- "आपने कैसे लगाया ये? मुझे भी लगाना है।मुझे सिखाओ कैसे लगाते हैं।" जिग्नेश उसकी पागलपन भरी बातों पर हँस रहा था ।पर कुछ था जो उस दिन उन दोनों को ले बैठा। जिग्नेश बोला-"सच्ची लगाना चाहती हो? मृणालिनी तो जैसे हवा पर सवार थी।झट से बोली हाँ लगाना है तभी तो पूछा। जिग्नेश उसे समझाने लगा कैसे लगेगा दिल तभी मृणालिनी बोल उठी पर "कहाँ लगाऊँ? मैं तो किसी से मैसेंजर में बात ही नहीं करती।"

जिग्नेश भी मानों इंतजार ही कर रहा था बोला "यहीं लगालो ओर कहीं क्यूँ लगाना"; और ऐसे ही धीरे-धीरे दोनों सचमुच दिल लगा बैठे।


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