त्याग की खुशी
त्याग की खुशी
नेहा रस्तोगी को अलंकार संस्था में बेस्ट अवार्ड के लिए नामांकन किया। अपने अध्यापन कार्य में समर्पण भाव के फलस्वरूप जल्दी ही संस्था ने उन्हें इस अवार्ड के लिए चयनित कर लिया। फोन के द्वारा सूचना प्राप्त हुई। नेहा इस चयन से बेहद खुश थी। उन्हीं दिनों नेहा ने अपनी एक अन्य साथी ऊषा कौर का भी उनको बिना बताये नामांकन कराया था।
अलंकार सूची देखकर -
नेहा रस्तोगी- "अरे वाह ! संस्था ने चयनित सूची जारी भी कर दी है।ये एएएएएए रहा मेरा नाम
5 . नेहा रस्तोगी -बेस्ट अलंकरण अवार्ड।
ओह !!!मैंने पूरी सूची ध्यान से देख ऊषा मैम का तो इसमें नाम ही नहीं है। मैं तो चाहती थी उनको ये अवार्ड जरूर मिले। अब क्या करना चाहिए।"
तुरंत ही नेहा ने संस्था को फोन मिलाया।
"हेलो ! अलंकार संस्था ,"
अलंकार संस्था -" जी मैं नेहा रस्तोगी हूँ। मेरा चयन आपके द्वारा बेस्ट अलंकरण अवार्ड के लिए किया गया है।"
अलंकार संस्था - "जी बधाई मैम । आपको हम जानते है। आपको कई प्रतियोगिताओं में देखा।"
नेहा - "सुनकर बहुत अच्छा लगा । आपका धन्यवाद सर जी।सर जी ये मैंने ऊषा कौर मैम का भी नामांकन किया था। बहुत ही मेहनती अध्यापिका हैं। जल्दी ही रिटायर होने वाली हैं। शिक्षा विभाग में सम्पूर्ण भाव से कार्य करने के बाद भी इन्हें कोई अवार्ड नहीं मिला है। मेरी हार्दिक इच्छा है कि इनको ये अवार्ड अवश्य मिले। ये इस अवार्ड की प्रबल दावेदार हैं। कृपया हो सके तो इस ओर ध्यान दें।"
अलंकार संस्था- जी मैम हम आपकी भावनाओं की कद्र करते हैं। संस्था के नियमानुसार एक विद्यालय के एक शिक्षक को ही सम्मानित कर सकते हैं। अतः असुविधा के लिए क्षमा करें।"
नेहा - "अच्छा ,,,
सोचते हुए - तो क्या, आप मेरे नाम की जगह उनका नाम शामिल कर सकते हैं।"
अलंकार संस्था-" लेकिन मैंम सूची दी जा चुकी है।"
नेहा -" सर ये अगले वर्ष रिटायर हो जाएंगी।"
अलंकार संस्था-" मैडम हम आपको सेल्यूट करते हैं।सच में ........ऐसी त्याग भावना हमारे सभी शिक्षकों में होनी चाहिए।"
नेहा -" बहुत-बहुत धन्यवाद सर ।कितना अच्छा लगेगा जब ऊषा मैम को मैं उनके अवार्ड के बारे में बताऊँगी। वो भी मेरी तरह बहुत खुश हो जाएंगी।"
नेहा अपने अवार्ड को उस पल की खुशी में भूल ही गई थी।
