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Akshat Garhwal

Action Crime Thriller

4  

Akshat Garhwal

Action Crime Thriller

Twilight Killer Chapter 30

Twilight Killer Chapter 30

13 mins
267

बेस पर उस इन्वेस्टीगेशन लैब में पुनीत इस वक्त उन कटे हुए सरों का परीक्षण कर रहा था। एक मोटा सा इंजेक्शन उसने हाथ मे लिया हुआ था जो कि पास रखी एक बड़ी सी फ्रिज जैसी मशीन से एक पाइप जैसे यंत्र के जरिये जुड़ा हुआ था।सफेद कोट, मोटा सा लैब वाला चश्मा और ऊपर से एक सफेद रंग का अच्छा मास्क.....इस वक्त वह इन सब चीजों को पहना हुआ था।  उसने काले बैग में हाथ डाल कर उसे खंखोला, उसके अंदर उसका हाथ ढूंढने लगा और एक आखिरी सर जो कि जल कर चमड़ी गलने से काला पड़ चुका था..उसके गर्दन से दिमाग की ओर घुसेड़ दिया! ये सर का वहीं हिस्सा होता है जहाँ पर स्पाइन दिमाग के तंत्र से जुड़ती है, उस फ्रिज जैसी मशीन के ऊपर एक बड़ी सी स्क्रीन भी थी जिस पर कुछ जानकारियां लिखी आ रहीं थी। अफसोस से सर खुजलाते हुए उसने उस सर से वो इंजेक्शन निकाला और पास में एक लिक्विड नाइट्रोजन के बड़े से कंटेनर में बाकी सरों के साथ रख दिया।

“कुछ पता चला मिस्टर टेक?” कंट्रोल रूम से सीधे अंदर आते हुए टीना बोली,उसके साथ पीछे आसुना भी आ गयी। जिसे देख कर पुनीत ने आंखों के इशारे से टीना से पूछा

‘क्या इनके सामने बताना सही रहेगा?’ वेसे तो पुनीत को आसुना से कोई भी परेशानी नहीं थी पर वो अपने काम को लेकर बहुत सजग रहता था।

टीना ने पुनीत की आंखों में देखते हुए सहमति में सर हिलाया.

“ये सब लोग बाहर के नहीं है! कुछ लोग इसी शहर के थे जो कि ह्यूमन बम बने हुए थे और सब कुछ सामान्य बम की ही तरह था केवल एक चीज को छोड़ कर!” पुनीत ने फ्रिज जैसी उस मशीन के स्क्रीन पर लिखी जानकारी दिखाते हुए कहा

“और वो कौन सी चीज है जो इन्हें अलग बनाती है?” टीना बोली

“RDX को एक इलेक्ट्रिकल सेल डिफ्यूजर से जोड़ कर रखा गया था जो कि शायद काफी दूर से भी रिमोट कंट्रोल किया जा सकता है। जैसे ही रिमोट से सिग्नल गया वेसे ही इलेक्ट्रिक सेल डिफ्यूजर में diffusion हुआ और बम फट गया!.....यह देखो रीढ़ और गर्दन के जोड़ पर इस डिफ्यूजर को लगाया गया था” स्क्रीन पर एक सर का 3D डायग्राम दिखाया गया जिसमें गरदन के अंदर थोड़े ऊपर की ओर एक रिमोट के सेल जितना बड़ा इलेक्ट्रिक सेल डिफ्यूजर लगा हुआ था। आसुना और टीना दोनों ही पूरी तरह से इसे समझ नही पायीं थी,

“ये....आखिर काम क्या करता है?...मतलब RDX का तो समझ आता है पर इस सेल का क्या काम है?” टीना ने एक बार फिर पूछा।

पुनीत ने उस मशीन को बंद किया, अपनी आंखों पर चढ़ाया हुआ लैब का मोटा से चश्मा उतार कर सामने टेबल पर रख दिया और एक गहरी सांस ली......

“इलेक्ट्रिक सेल डिफ्यूजर RDX बम से कनेक्टेड था, रमते से सिग्नल मिलते ही उसमें एक इलेक्ट्रिक सर्किट बन गया जिस से बम तो फटा ही फटा...साथ ही इस इलेक्ट्रिक सेल से एक इलेक्ट्रिकल वेव निकली जिसने कुछ देर के लिए आस-पास की सिग्नल वेव्स को डिस्टर्ब कर दिया”

“अच्छा तो यह बात है!” टीना ने समझते हुए कहा “तभी बम ब्लास्ट के 20 मिनट बाद हमे उसके बारे में खबर मिली क्योंकि सिग्नल्स काम ही नहीं कर रहे थे”

“हाँ, ऐसा ही कुछ हुआ था” इतना कहते हुए पुनीत बाहर को आ गया, उसके साथ ही टीना और आसुना भी बाहर आ गईं। 

बाहर कंट्रोल पैनल के सामने राम-राघव कुर्सी पर बैठे हुए थे। उन तीनों को बाहर आता है देख राम ने पूछा

“तो क्या खबर है मिस्टर टेक्?” राम ने मुस्कुराने की कोशिश की जो कि एक छोटी सी मुस्कान से ज्यादा नहीं हो पाई। राघव ने भी पुनीत को ऐसे देखा जैसे उस से सवाल का जवाब मांग रहा हो.....उसने उन दोनों को भी वहीं सब दोहराया जो उसने अभी-अभी टीना और आसुना को बताया था। राम और राघव ह्यूमन बम की सच्चाई जान कर बहुत असहज हो गए।

“क्या हमारे देश के लोग भी उनके साथ मिले हुए है....उन ‘वू’ के साथ!” राम ने लड़खड़ाई हुई आवाज में पूछा

“अभी कुछ कहा नहीं जा सकता!” पुनीत ने थोड़ी तेज आवाज में कहा “मैं रिपोर्ट, उन लोगों की आइडेंटिटी के साथ अतुल सर को भेज देता हूँ ताकि वो जाकर उन लोगों के परिवार से मिल सके! मुझे डर है कि कहीं...उन लोगों के परिवार को इस्तेमाल कर के कहीं यह खतरनाक काम उनसे न करवाया हो?...उम्मीद करता हूँ कि यहीं सच हो न कि यह कि... हमारे देश के लोग भी उन ईस्टर्न फैक्शन से जुड़े हुए है”

सभी के चेहरों पर अफसोस का भाव था, पुनीत ने अपने होंठों को दांतों के नीचे दबा रखा था। राम-राघव ने अपना ध्यान उस वाकये से हटाने के लिए कंट्रोल पैनल पर निगाहें गड़ा दी। पुनीत और टीना कंट्रोल पैनल से दूर कुर्सियों पर बैठ गए! आज का दिन सभी के लिए टेंशन से भरा हुआ था...अपने शहर को जलते हुए देखना..लोगोंकी क्षत-विक्षत शरीर के टुकड़ों को कचरे की तरह जलते हुए देखना बहुत भयानक था। कोई भी आम इंसान उस नजारे को देख कर बेहोश हो जाता। लाशों के जलने की गंध अब भी उनके नाक पर समाई हुई थी.....आसुना उन्हें इस तरह देख कर समझ गयी थी कि थोड़ा समय उन्हें अकेले देना बेहतर होगा।

“मैं तुम लोगों के लिए किचन से कुछ बना कर ले आती हूँ......खाना थोड़ी देर से बना दूंगी” आसुना ने पैर किचन की ओर चल दिए।

उसके जाते ही पुनीत को कुछ याद आया, उसने अपना स्मार्टफोन निकाला जिसमें एक डिजिटल लाकर के अंदर ह्यूमन बम के इन्वेस्टीगेशन से जुड़ी हुई फ़ाइल थीं, जिसमे उन लोगों की आइडेंटिटी भी थी। पुनीत ने सब उनके सिक्योरिटी एप् के जरिये अतुल को भेज दिया। यह एप हिमांशू ने सभी के फोन में डलवाया था जो बहुत सारी सिक्योरिटी से भरा हुआ था...और सुरिक्षत था!

“पता नहीं बाहर क्या चल रहा होगा?” पुनीत ने धीमी आवाज में कहा

“वो नजारा अच्छा नहीं था, अगर तुम्हें नींद ना आये तो कोई बड़ी बात नहीं है। वेसे तो हम में से किसी को भी इस सब की आदत नहीं है पर,,,,तुमने इस बार जो देखा है वह बहुत असहनीय था” टीना ने उसे ज्यादा समझाने की कोशिश नहीं कि क्योंकि वो जानती थी...पुनीत को समय की जरूरत है और उसे वो दिया जाएगा।

हिमांशु का कल आना उन सभी को पता था, कल रात ही फोन पर उनकी बात हुई थी पर वे चाहते थे कि जल्दी से जल्दी हिमांशु वापस आ जाये। ईस्टर्न फैक्शन ने अपना कदम बढ़ा दिया है, पता नहीं वो आगे क्या करने वाले है? सतर्क रहना जरूरी था क्योंकि कोई नहीं जानता कि उनका अगला कदम क्या होगा? कितने लोग होंगे उनके साथ लड़ने के लिए...ना जाने अब आगे कौन सी तबाही मचने वाली थी!

“होंssss.. होंsssssss.... होंsssssss....”

अचानक ही इस उधेड़बुन के बीच बेस का घुसपैठियों वाला अलार्म बज गया। उसकी आवाज के आटे ही सभी का दिमाग भन्ना गया! एक बार को सभी ने आपस मे आंखें मिलायीं जैसे पता कर रहे हों कि कहीं ये उनका भ्रम तो नहीं है और आंखें मिलते ही..सभी ने एक दूसरे की आंखों में एक ही भाव देखा...’घबराहट! वे दोनों दौड़ कर राम-राघव के पास पहुंच गए और कंट्रोल पैनल पर पुनीत के हाथ बहुत तेजी से चलने लगे!

“यह सब क्या हो रहा है पुनीत!?” राम चीखा

“किसी ने जबरदस्ती बिना इजाजत के घुसने की कोशिश की है।“ पुनीत ने अपनी नजरें नहीं हटाईं “शायद ये वहीं लोग है जो बम ब्लास्ट के पीछे है”

“पर ये लोग हम तक कैसे पहुंचे?” राघव को कुछ समझ नहीं आ रहा था

यह बात सुनकर टीना को पूरा यकीन हो गया कि वाशी चौराहे पर किसी का होना, किसी का उन सभी पर नजर रखना...वो फीलिंग.वो सब असली था। टीना समझ गयी कि ये लोग तभी से उन लोगों का पीछा कर रहे होंगे और रात का समय देख कर ये हमला करने को आ गए।

“गेट के सिक्योरिटी कैमेरा काम नहीं कर रहे है” पुनीत जल्दबाजी में बोला “सभी अपने हथियार उठा लो, वो लोग अंदर आ चुके है!”

पुनीत की बात सुनकर सभी हड़बड़ा गए पर जैसे पुनीत की बात उन पर किसी आर्डर की तरह काम कर गयी। उन लोगों ने गन्स उठा ली, टीना ने पास ही रखी अपनी स्नाइपर राइफल उठा ली!

“वो लोग अंदर घुसे कैसे? कोई अलार्म क्यों नहीं बजा!” राम ने बंदूक दरवाजे की ओर तानते हुए कहा

“उन लोगों के बीच कोई ऐसा टेक्निशियन है जो अलार्म और इलेक्ट्रॉनिक चीजों को खराब करने में माहिर है इसलिए वो लोग अंदर आ गए पर बिना बायो आइडेंटिटी के अंदर आने के कारण बायो सेंसर ने लार्म बजा दिया....अरे नहीं!” पुनीत का चेहरा बिगड़ गया।

“क्या हुआ?” टीना ने तुरंत पूछा

“उन लोगों ने गेट को अनलॉक कर लिया है, सावधान!”

पुनीत की बात खत्म होते ही सामने का वो बड़ा सा लोहे का दरवाजा धीरे से खुलने लगा, झटके से सभी की गन उसी ओर इशारे में लग गयी। दरवाजा पूरा खुल गया पर वहाँ पर कोई दिख नहीं रहा था...अंदर काला धुआँ फैला हुआ था जिसके कारण कुछ दिख नहीं रहा था। सभी का गला सूख गया था, पसीना माथे और हांथों को गीला कर चुका था...उनकी सांसे धीमी हो गयी थी। जैसे ही कोई हलचल होती वो लोग तुरंत ही गोली चला देते, खासकर टीना के रिफ्लेक्स उसकी स्निपिंग स्किल्स के साथ बहुत तेज थे। इतने में पुनीत ने उस एरिया के वेंटिलेटर फुल पावर पर डाल दिये। वेंटिलेटर की आवाज आते ही वो धुंआ कम होना शुरू हो गया। सब कुछ शांत था केवल, वेंटिलेटर की साय-साय आवाज आ रही थी कि अचानक 3 कैरम की काली गोटियां सरकते हुए उन लोगों के पास आ गईं! सभी की नजरें अचानक से उन्हें देख कर थम गयीं... उनमें बीच मे एक छोटी सी लाइट जल रही थी...

“सभी, कवर लो!” टीना को समझ आ गया कि वो कोई करें कि गोटियां नहीं है बल्कि छोटे शॉकवेव वाले बम है। पुनीत तुरंत ही कंट्रोल पैनल के नीचे छुप गया, टीना ने सामने रखी टेबल किसी ढाल की तरह सामने ही पलटा दी पर राम-राघव के आसपास ऐसी कोई चीज नहीं थी, वे पीछे की ओर भागे ही थे कि

“बुमssss.... बुमssss.....बुमsssss...!”

स्लेट पर नाखून रगड़ने जैसी आवाज के साथ छोटे-छोटे धमाके हुए जिस से राम राघव जाकर दीवार से टकरा गए, टीना की टेबल भी उसे पीछे सरकते हुए दूर फेंक गयी! उस बम की आवाज ने कानों को सुन्न कर दिया था, पुनीत टेबल के नीचे ही गिर कर बेसुध हो चुका था। राम-राघव दीवार से जरूर टकराये थे पर पूरी ताकत लगाते हुए उन्होंने अपनी हैंडगन उठायी और जैसे-तैसे लड़खड़ाते हुए खड़े हुए ही थे कि 5 धूल जैसे कपड़े पहले हुए लोग उस धुंए में से बाहर आ गए, उनके चेहरे ढंके हुए थे ऐसा लग रहा था जैसे वो लोग धूल ओढ़े हो..पीठ पर तलवारें लटकी हुईं थी और उनमे से एक के हाथ में एक टैब था!

“आयी विल टेक केअर ऑफ दोज 2!” उनमें से एक ने अंग्रेजी में कुछ कहा और तेजी से राम-राघव की ओर आ गया। उसका शरीर ढंका हुआ था और जिस रफ्तार से वो उन दोनों की ओर बढ़ा था...वह लड़ने में काफी माहिर लग रहा था। राम ने उसके पास आते ही उसे शूट करना चाहा पर इस से पहले ही उसने उन दोनों को घूम कर लात मरते हुए एक बार फिर दीवार के हवाले कर दिया! गन दूर जा गिरीं और उनके मुंह से खून निकल पड़ा...जाहिर है दीवार से वो लोग बहुत तेज टकराये थे।

उधर टीना आधी बेहोशी की हालत में उठने की कोशिश कर रही थी कि उनमें से एक नए आकर उसे जमीन से एक ही झटके में हवा में उठा लिया। चाल-ढाल और शरीर की बनावट से वो कोई लड़की जान पड़ रही थी पर ताकत, बेशक बहुत ज्यादा थी। टीना ने खुद को संभाला, याद दिलाया कि इन सब परिस्थितियों से बचने के लिए ही शियाबेई ने उन्हें कत्ल करना भी सिखाया था! टीना ने उस लड़की से नजरें बचाते हुए अपनी जैकेट की बांह को हिलाते हुए एक सूजे जैसा छोटा हतियार बाहर निकाला और उस लड़की की गर्दन की ओर दके मारा

पर वह लड़की टीना की सोच से कहीं ज्यादा स्किल्ड निकली उसने टीना को ऐसा करते हुए देख लिया था इसलिए अपनी एक लात टीना की पसलियों में दे मारी, चोट इतनी तेज थी कि दर्द के मारे टीना का चीखने के लिए मुँह खुला पर उसमे से केवल लार गिरा, आवाज नहीं आयी। टीना को बहुत दर्द हो रहा था पर वो चीख भी नहीं पा रही थी, उस लड़की ने टीना को खींच कर दूर फेंक दिया...टीना सामने फर्श पर आ गिरी, उसकी आंखें खुली रहीं पर वो उठ नहीं पाई।

“दे आर टू वीक!” उस लड़की ने कहा

“दे डू नॉट हैव पावर तो डिफीट अस, ओनली एनटरिंग दिस बेस वाज दी प्रॉब्लम” उनमे से पीछे खड़ा हुआ बड़ा सा आदमी बोला जो शायद उन लोगों का सरदार था।

“व्हाट नाउ, बॉस” राम राघव के सामने खड़ा हुआ वो आदमी बोला

“किल देम! वी हैव तो फॉलो द आर्डर फ्रॉम देसु-सा!” उनके बॉस ने सभी को मारने के लिए कह दिया। यह सुनते ही उन सभी के चेहरे खिल उठे, मास्क के अंदर से उनकी हंसी बहुत खतरनाक लग रही थी जैसे वो किसी इनाम को पाने जा रहे हो। वो आदमी आगे बढ़ कर राम-राघव के करीब पहुंच गया, उसने पीछे से अपनी तलवार निकाल ली।

कि तभी किचन के दरवाजे खुलने की आवाज आई, उन लोगों की नजरें उस ओर ऐसे गयीं जैसे उन्हें कोई डर ही नहीं था कि कोई उन्हें कोई नुकसान पहुंचा सकता है। अंदर से धीमे कदमों के साथ आसुना बाहर आई, उसके चेहरे पर डर था..उसने राम-राघव, टीना और पुनीत को देखा जो कि घायल हालत में वहां पड़े हुए थे। उसकी नजरें कराहती टीना से मिलीं तो आसुना का चेहरा सख्त हो गया जैसे ठंडी बर्फ!

“लेट मी किल हर फर्स्ट!” वो कातिल लड़की बिना आवाज के हवा की तरह तेजी से अपनी कमर से चाकू निकलती हुई आसुना की ओर बढ़ गयी। टीना आसुना को असहाय देख कर बहुत दुखी हो गयी, वह आसुना की अब कोई मदद नहीं कर सकती थी। अभी टीना का आंसू आंखों को छोड़ा भी नहीं था कि अचानक से वो कातिल लड़की आसुना के सामने रुक गयी और जो नजारा उनके सामने अचानक से प्रकट हुआ, क्या दोस्त क्या दुश्मन! सभी के पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई!

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उधर ईस्टर्न फैक्शन की तैयारी चरम पर थी। वो लोग हथियारों से लैस थे। एक पूरी आर्मी ही तयार थी उनकी, बन्दरगाह पर! वो सभी लोग ट्रकों में बैठ कर कहीं जाने की तैयारी में थे, अंदर जहाज में अपने कमरे में जिया-ये बैठा हुआ था, किंक्स सा और देसु सा भी वहीं मौजूद थे, उन लोगों के बीच कोई बहस चल रही थी.....!

“मैं यहीं रुक कर उस जय को मारना चाहता हूँ और तुम दोनों मुझे उन अंडरवर्ल्ड के कीड़ों से लड़ने के लिए भेजना चाहते हो?” किंक्स सा गुस्से में था

“जिया-ये का कहना सही है और यह बताने की जरूरत नहीं है कि यहाँ पर वहीं बॉस है। उसका आर्डर ही हमारे लिए सबसे जरूरी है” देसु सा ने शांति बरतते हुए कहा

“अब तुम्हे क्या हो गया है भाई? मैं उस जय को अपने हाथों से मारना चाहता हूँ...मैं अंडरवर्ल्ड में लड़ने नहीं जाऊंगा!” किंक्स सा बोला

“जय को हम मरेंगे नहीं बल्कि कैद करेंगे!” अचानक ही जिया-ये बोल पड़ा, एक क्रूर हंसी उसके चेहरे पर थी और हाथ में हुक्का रखा हुआ था “ उसने हमें इस्तना परेशान किया है तो उसे इतनी आसानी से नहीं मारा जाएगा। पहले ‘मिस फैंटम’ की मदद से उसे पकड़ेंगे और उसकी पत्नी और बहन के शरीर को उसके ही सामने रौंदा जाएगा और जब मन भर जाएगा.....तो उन्हें उसके सामने ही पीट-पीट कर आर देंगे...तब कहीं जाकर मुझे राहत मिलेगी”

जिया-ये देखने मे बहुत ही शांत लगता था पर उसकी सोच सबसे ज्यादा कुरुपित थी। वह ताकतवर तो था ही साथ ही उसे लोगों को टॉर्चर करने में बहुत मजा आता था और इस वक्त उसके चेहरे की वो शैतानी हंसी देख कर, एक पल को किंक्स सा भी थरथरा गया। पर अगले ही पल वो खुश होते हुए बाहर जाने लगा...उसे जिया-ये की मानसिकता पर पूरा भरोसा था। वो जय को उस से भी ज्यादा भयानक मौत देने वाला था....

“पर क्या ‘मिस फैंटम’ उसे पकड़ पाएगी?” दरवाजा खोलते हुए किंक्स सा बोला

जिस पर देसु और जिया-ये दोनों ही बहुत ही भयानक चेहरा बनाते हुए बोले’

“उसने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा, ऐसा झटका उसे लगेगा! उसका बचना नामुमकिन है। मैं मरने से पहले उसके डर से भरे चेहरे को देख कर बहुत मजे लूंगा। ठीक वैसे ही जैसे सौरभ ने बताया था....”

एक शैतानी हंसी उस सुनसान जगह में गूंज उठी! 



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