तुम जो मिले:-7
तुम जो मिले:-7
Part:-7(vacation & trip)
रोशनी सृस्टि के पास कुछ कम से आई थी ये जाने ही सृस्टि पूछ ही लेती क्या काम है।
“actually दो दिन बाद vacation है इसीलिए राहुल ने एक ट्रिप(trip) जाने का प्लान बनाया है; तू भी चल।” रोशनी को पता था आज सुबह क्या हुआ और वो सृस्टि को इतना सब कुछ के बाद भी खुश देख कर बहुत खुश हुई। उसको लगा था सृस्टि कही बाहर चले तो उसका मन हल्का हो जाये। सृस्टि को नही पता था कि सुबह की बात इन लोगो को भी पता है। सृस्टि थोड़ी देर खामोश रही फिर हिचकिचा कर बोली, “क....…क्या?......vacation and ट्रिप।” बोलते बोलते सृस्टि सोचने लगी। पर रोशनी बात संभालते हुए बोली, “देख मना मत कर, मुझे पता है तेरा कोई भी कम है जिसके लिए तू रुकेगी, वेसे राहुल बुलाया है यार, राहुल को तू कभी मन नही की है अब भी मत करना, प्लीज प्लीज प्लीज चल ना।” रोशनी कोई बचो जैसी ज़िद करने लगी। सृस्टि बोली, “पर vaccation के just बाद में नही जा सकती ........” “तो पोस्टपोंड कर देते हैं प्लान।” रोशनी उछल कर बीच मे ही बोल पड़ी। “में नाही चाहती मेरे लोए तुम्हारा ट्रिप खराब हो।” सृस्टि परेशान हो कर बोली। रोशनी अपनी माता पिटी और मन ही मन बोली, “अब इस पागल को कैसे समझाऊं की ट्रिप उसके लिए ही है।” फिर आवाज ऊंची करके बोली, “देख हमे कोई प्रॉब्लम नहीं है प्लान पोस्टपोंड करने में और राहुल बोला है तुझसे उससे हँ में ही जवाब चाहिए वरना में तो गयी।” “अरे अरे पर ......... ठीक है में आ रही हूं ट्रिप पे ..... अब खुस।” सृस्टि रुक रुक कर बोली। रोशनी चहक कर उसे गले लगा ली, “थैंक यू। अब में जा री हु, अच्छा सुन कल तू कॉलेज जा री है क्या, मुझे तो नही जाना ...... तू भी सोचले bye।” सृस्टि भी कॉलेज नही जाना चाहती थी_ वो तो राजवीर से दूर जाना चाहती थी _ बहुत दूर.......
